मेरठ।
उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्रों (जोन-3) की 29वीं वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का तीन दिवसीय आयोजन 10 से 12 सितम्बर, 2022 को सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित की जा रही है। कार्यषाला में तीसरे दिन समापन समारोह कुलपति डा0 डी0आर0 सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में नवोन्मेषी कृषकों को भारत का भविष्य बताते हुए इनके कार्यों को अन्य कृषकों तक प्रसारित करने पर बल दिया तथा बीज एवं पौध सामग्री के वितरण के उपरान्त आच्छादित क्षेत्रफल पर सफलता की कहानी तैयार करने, विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र में नवोन्मेषी कृषकों/महिलओं के उत्पादों को प्रदर्शित कर उनके विपणन पर बल दिया।

मुख्य अतिथि डा0 देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान ने अपने सम्बोधन में कृषकों की आय बढाने हेतु कृषि विविधीकरण में दलहनी, तिलहनी एवं मोटे अनाज के उत्पादन एवं उत्पादकता का बढाने पर जोर दिया जाये। उन्होंने उपभोक्ता केन्द्रित विभिन्न देषी प्रजातियों के संरक्षण एवं मूल्य वर्धन हेतु प्रेरित किया, उन्होने कृषक उत्पादक संगठनों को मजबूत बनाने पर जोर दिया, परिणाम से प्रमाण की अवधारणा पर प्राकृतिक खेती के मॉडल तथा नवोन्मेषी कृषकों के मॉडल को अधिक से अधिक किसानों में प्रसारित करने पर बल दिया।

स्थानीय स्तर पर शुद्ध मसालों, गौ-आधारित हस्तशिल्प उत्पादों तथा अन्य महिला समूहों के उत्पादों की सषक्त विपणन पद्धति अपनाने पर जोर दिया, जिससे कि महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया जा सकें, साथ ही इन्होने कृषि विज्ञान केन्द्रों (जोन-3) की 29वीं वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी। कार्यशाला में विभिन्न नवोन्मेषी कृषकों, उत्कृष्ट प्रस्तुति करने वाले कृषि विज्ञान केन्द्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों की विभिन्न समस्याओं जैसे पेंशन, प्रमोशन आदि का जल्दी निस्तारण करने का आश्वासन दिया।

कार्यशाला में विगत 11 सितम्बर, 2022 को तीन तकनीकी सत्र में प्रस्तुतिकरण उपरान्त कृषि विज्ञान केन्द्र बस्ती, बदायूं एवं महोबा को प्रथम एवं कृषि विज्ञान केन्द्र लखनऊ, बरेली, कन्नौज का द्वितीय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र मेरठ, मऊ, फतेहपुर, हमीरपुर को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में इनोवेटिव फार्मर्स मीट का भी आयोजन किया गया जिसमें विष्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के 38 प्रगतिषील कृषकों ने प्रतिभाग किया साथ ही महिला कृषक पूजा गंगवार, शाहजहॉपुर, सपना शर्मा, हापुड़, डा0 विपिन परमार, सहारनपुर, शरदकुमार, बिजनौर, ऋतुराज, बिजनौर, अमित वर्मा, रामपुर, संजीव, गौतमबुद्ध नगर आदि अपने-अपने नवोचार के बारे में प्रस्तुतिकरण किया।
डा0 यू0एस0 गौतम, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन-3, कानपुर ने कार्यशाला के विगत 3 दिनों की गतिविधियों से अवगत कराया तथा आगामी कार्य योजना में जलवायु परिवर्तन, नवाचार, कृषि विविधीकरण, एकीकृत खेती पद्धति, किसान उत्पादक संगठन, मूल्य वर्धन आदि तकनीकी बिन्दुओं को समाहित करने पर बल दिया।
पद्मश्री, भारत भूषण त्यागी ने अपने सम्बोधन में प्राकृतिक खेती की नीति तथा भाकृअनुप, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग के समन्वय से एक जनपद स्तरीय समन्वित कृषि नीति बनाने पर बल दिया। डा0 पी0के0सिंह, निदेशक प्रसार द्वारा समापन अवसर पर मुख्य अतिथि, डा0 देवेश चतुर्वेदी, जिलाधिकारी दीपक मीणा, डा0 डी0आर0 सिंह, कुलपति, डा0 यू0एस0 गौतम, निदेशक अटारी, लक्ष्मी मिश्रा, वित्त नियंत्रक, समस्त निदेशक, अधिष्ठाता, कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्षों/प्रभारी अधिकारी, प्रगतिशील कृषकों आदि को कार्यशाला की सफलता को धन्यवाद ज्ञापित किया।