अर्थ व्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में एपीडा का विशेष योगदान- कुलपति केके सिंह




मेरठ।
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान में एपीडा का 37वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर कार्यक्षमता विकास एवं व्यापारिक संगम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने आने वाले कृषि की जरूरतों और उत्पादकता को बढ़ाने पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। यहां रोजगार के भी अनेक अवसर है। स्टार्टअप के लिए भी आज कृषि क्षेत्र अपनी अलग पहचान बना रहा है।

कार्यक्रम में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के कुलपति डॉ केके सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि पहले हम अनाज आयात करते थे लेकिन अब हम दुनिया को अनाज निर्यात कर रहे हैं। इसमें एपीडा का मुख्य योगदान है। वर्ष 1986 में एपीडा की स्थापना के बाद निर्यात के लिए आवश्यक कार्य किये, नियम, कानून, स्टैंडर्ड एवं डब्लूटीओ के साथ अपने देश से निर्यात बढ़ाने के लिए एपीडा लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एवं विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के में एपीडा का विशेष योगदान है।

विशिष्ट अतिथि डॉ अमरनाथ मिश्रा संयुक्त निदेशक कृषि ने एपीडा के कार्यों को सराहा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एफपीओ के द्वारा सीधे निर्माण करने में आसमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि विश्व के कृषि निर्यात में भारत का शेयर 1.5 प्रतिशत से पिछले 3 वर्ष में ही 2.5 प्रतिशत हो गया है।

डॉ अनुपम दीक्षित के सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एपीडा के 37 वर्षों की यात्रा को विस्तार से बताया और बासमती के लिए देश की प्रमुख प्रयोगशाला डीईडीएफ में होने की जानकारी देते हुए बासमती की निर्यात में रिकार्ड तोड़ वृद्धि होने की संभावना बनायी। कार्यक्रम में राहुल यादव एएएमओ मेरठ ने उप्र की कृषि निर्यात नीति के विस्तार से बनाया। नाबार्ड के लिए विस्तार एवं निर्यात की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

डॉ रितेश शर्मा प्रधान वैज्ञानिक ने मोटे अनाजों के निर्यात एवं निर्यातक बनने की प्रणाली को विस्तार से बताया और कहा कि चावल के निर्यात से देश में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा आ रही है और बीईडीएफ किसानों के उत्पाद को सीधे खेत में निर्यात कराने के लिए एफपीओ व निर्यातकों को आपस में मिलाने के कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम में डॉ एस के सचान, डॉ चन्द्रभानु, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ बीना यादव, डॉ माधुरी गुप्ता, संतोष राजपूत ने व्याख्यान दिये। कार्यक्रम में डॉ प्रमोद कुमार तोमर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में नेत्रपाल शर्मा, सुनील राना, विनोद सैनी, धर्मवीर, संजीव कुमार, मुकेश कुमार, जितेंद्र आदि विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 6 निर्यातकों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा वेस्ट यूपी के 40 एफीओ, स्टार्टअप, महिला उद्यमी समेत करीब 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपने अपने विचार मंच पर रखे।



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