लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने से मिलती है कामयाबी: लोकमान सिंह




मेरठ। देश के जाने माने करियर काउंसलर और ट्रेनर लोकमान सिंह ने कहा कि कामयाबी तभी मिलती है जब हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि बिना लक्ष्य के कोई भी कार्य सफल नहीं होता, उसमें उतनी कामयाबी हासिल नहीं होती जितनी की हम उम्मीद करते हैं।

लोकमान सिंह मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ के0के0 सिंह के निर्देशन में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छात्र छात्राओं से पूछा कि दुनिया में 3 प्रतिशत लोग कैसे 97 प्रतिशत से अलग होते हैं। स्टूडेंटस ने अलग अलग जवाब दिये। जिस पर लोकमान सिंह ने कहा कि हम जो भी कार्य करें उसका लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। लक्ष्य को प्राप्त करने पर ही हम दूसरों से अपने आपको अलग साबित कर सकेंगे।

यदि हम अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं रखेंगे तो सफलता मिलनी मुश्किल हो जाएगी। उतनी कामयाबी हमें नहीं मिलेगी जितनी हमने उम्मीद की थी। कहा कि किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने से पहले तीन ​बिंदुओं कार्य, इज्जत और संतुष्टि पर जरूर विचार करना चाहिए। यानि वह काम करो जिसमें इज्जत हो और उसे करके हमें संतुष्टि भी मिले।

उन्होंने आत्मविश्वास के साथ साक्षात्कार में महारथ हासिल करने के टिप्स भी छात्रों को दिए। छात्रों के चुनौती पूर्ण सवालों के जवाब दिए और उन्हें आत्मविश्वास को बढ़ाने से संबंधित तकनीकी को भी बताया। कहा कोई भी कार्य आसान नहीं होता, सभी कार्यों में चुनौती होती है, इस चुनौती पर विजय पाना ही हमें लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ाता है।

कार्यशाला के दौरान मौजूद छात्र छात्राओं को लक्ष्य निर्धारित करने का गुर भी उन्होंने सिखाया। ये भी कहा कि यदि हम भटक रहे हो कुछ भी सोच नहीं पा रहे हैं तो केवल दो मिनट सबकुछ भुलाकर अपनी आंखे बंद कर अपने लक्ष्य के बारे में सोचना चाहिए, निश्चित रूप से ऐसा करने से हमें अपने लक्ष्य का निर्धारण करने में सफलता मिलेगी।

कार्यक्रम में निर्देशक ट्रेनिंग आफ प्लेसमेंट प्रोफेसर आरएस सेंगर, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक धामा, संयुक्त निदेशक ट्रेनिंग आफ प्लेसमेंट डॉ. सत्य प्रकाश, एसोसिएट डायरेक्टर ट्रेनिंग आफ प्लेसमेंट डॉ. डीवी सिंह, प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार कोर्डिनेटर एजुकेशन, डॉ देश दीपक आदि ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शैलजा काटोच ने किया।



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