मेरठ। वेस्ट यूपी में कृषि उत्पाद के निर्यात और सामने आने वाली चुनौतियों पर मेरठ में मंथन होगा। इसके लिए बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यशाला आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया जा रहा है। बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के तत्वाधान में हो रही इस कार्यशाला में कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान और एक्सपोर्ट जुटेंगे।
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि वेस्ट यूपी में पैदा होने वाली फसलों की निर्यात की अपार संभावनाएं है। यहां के किसान जागरूक भी है और यहां की जलवायु भी अच्छी उत्पादकता के लिए अनुकूल है।
उन्होंने बताया कि सबसे अच्छी बात इस क्षेत्र की ये भी है कि यहां के किसान पंजाब और हरियाणा के मुकाबले कम रसायनों का इस्तेमाल फसलों में करते हैं। इसी वजह से यहां के कृषि उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर अधिक खरा उतरेंगे। इसके लिए वेस्ट यूपी के किसानों को थोड़ा सा जागरूक करने की आवश्यकता है।
डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि वेस्ट यूपी में बासमती धान की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। गन्ने की खेती इस क्षेत्र में बहुयात में होती है। ऐसे में गन्ने के रस से बने गुड और अन्य उत्पादकों को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप तैयार कर किसानों को मुनाफा दिलाया जा सकता है।
वेस्ट यूपी में सब्जी की खेती भी काफी मात्रा में होती है, यदि किसानों को प्रशिक्षण और निर्यात के लिए जरूरी जानकारी अधिक से अधिक समय से दी जाए तो इसका लाभ उठाकर वह अपने उत्पाद को निर्यात कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि वेस्ट यूपी में कृषि निर्यात की संभावनाएं और चुनौतियों पर होने वाली एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता मंडलायुक्त मेरठ करेंगे।