नवीन चौहान
उत्तराखंड की पहली महिला डीजीपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य की अस्थियां हर की पौड़ी पर पूर्ण विधिविधान के साथ मां गंगा में विसर्जित की गई। कंचन चौधरी की अस्थियों की इनकी बेटियों कनिका एयर काबेरी ने गंगा में विसर्जित किया। इस कार्य को उनके कुल पुरोहित शैलेश मोहन ने श्री गंगा सभा के सानिध्य में सम्पन्न करवाया। कंचन चौधरी की अस्थियों को लेकर उनके पति देव भट्टाचार्य, बेटियां कनिका और काबेरी, दामाद ग्रेग और इनेमुयल, नातिन लीला और माया और नाती फ्रेंक और क्युडोर, बहन कविता भट्टाचार्य, भाई कपिल भट्टाचार्य, मित्र चक्रपाणी, हेमंत और उत्कर्ष रघुवंशी आदि लेकर आये। हर की पौड़ी पहुंचने पर उनकी अस्थियों को श्रद्धांजलि के लिए रखा गया जहां उत्तराखण्ड के पुलिस अधिकारियों ने अपनी पूर्व डीजीपी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कंचन चौधरी भट्टाचार्य का 26 अगस्त की मुंबई में लंबी बीमारी के चलते 72 वर्ष में निधन हो गया था। कंचन चौधरी 1973 बैच की आईपीएस अधिकारी थी और उनको पहली महिला डीजीपी बनने का सौभाग्य मिला था। इस दौरान पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार व तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
उड़ान सीरियल बनाकर ख्याति पाने वाले कंचन चौधरी भट्टाचार्य की बहन कविता भट्टाचार्य ने कहा कि अस्थियां विसर्जन के लिए परिवार के सभी सदस्यएं मौजूद है।
कुल पुरोहित शैलेश मोहन ने बताया कि उत्तराखण्ड की प्रथम डीआईजी रही कंचन भट्टाचार्य की अस्थियां आयी थी आज उनके परिवार के सब लोग आए हुए थे उनकी दोनों बेटियां ,उनके दोनो दामाद, नाती बहने और सब परिवार ने सनातन धर्म का पालन करते हुए सनातन पद्धति के अनुसार हरिद्वार तीर्थ की परंपरा का मान मर्यादा के अनुसार हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड पर उनका अस्थि प्रवाह हुआ है। मां गंगा से उनकी आत्मा की शांति दे सद्गयीं दे मोक्ष दे हैमेरी यही प्रार्थना है कलयुग की सबसे प्रधान देवी माँ गंगा है हमारी उनसे यही प्रार्थना है कि भगवती के चरणों मे उनका निवास हो उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को कष्ट सहन करने की शक्ति मिले और माँ गंगा का आशीर्वाद सदैव उनके परिवार पर बना रहे हमारी यही कामना है ।