डीएवी संस्था को बदनाम करने की साजिश कर रही है बर्खास्त शिक्षिका: पुरोहित




हरिद्वार। डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल से बर्खास्त शिक्षिका अनुराधा गुप्ता डीएवी संस्था की छवि को धूमिल करने और प्रधानाचार्य की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिये तमाम हथकंडे अपना रही है। यह कहना है डीएवी के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित का। आरोप है कि बर्खास्त शिक्षिका ने प्रधानाचार्य और पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा किया है। उसने एक वीडियो यूटयूब पर वायरल किया है। वीडियो का लिंक स्कूल के तमाम शिक्षकों और अभिभावकों के मोबाइल पर व्हाट्सअप ग्रुप में भेजा गया है। इस वीडियो में दिये गये बयान में शिक्षिका ने पुलिस प्रशासन पर अंगुली उठाई है।

बताते चले कि इस शिक्षिका ने पूर्व में प्रधानाचार्य पर एक केस दर्ज कराया था। जांच के दौरान प्रधानाचार्य पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सके। जिसके बाद पुलिस ने प्रधानाचार्य को अपनी जांच में क्लीन चिट दे दी। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित का कहना है कि बर्खास्त शिक्षिका अनुराधा द्वारा लगाए गए आरोप गलत साबित होने पर उसने फिर से बदनाम करने की नीयत से इस वीडियो को वायरल किया है। पीसी पुरोहित का कहना है कि इस मामले में वह पुलिस में शिकायत दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पीसी पुरोहित के अनुसार भेल शिवालिक नगर के एम 37 निवासी अनुराधा गुप्ता पत्नी अशोक गुप्ता जगजीतपुर के डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में साल 1996 से बतौर शिक्षिका के पद पर कार्य करती थी। स्कूल में शिक्षण कार्य करने के दौरान अनुराधा का व्यवहार और आचरण स्कूल आरै प्रधानाचार्य के प्रति ठीक नहीं था। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के अनुसार उन्होंने स्कूल हित का हवाला देते हुये शिक्षण कार्य में मन लगाकर अनुशासन से कार्य करने को कहा तो अनुराधा उनसे व्यक्तिगत रंजिश रखने लगी। इसी रंजिश के तहत उसने दिल्ली डीएवी प्रबंधक कमेटी, महिला आयोग और कोर्ट में शिकायत की। अनुराधा ने 17 अक्टूबर 2016 को प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित पर अभद्र भाषा कर इस्तेमाल करने और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था। केस की जांच जगजीतपुर चौकी के दारोगा जसवंत को दी गई। तब अनुराधा ने एसएसपी हरिद्वार राजीव स्वरूप से केस की जांच एक महिला दारोगा से जांच कराने की मांग की थी। एसएसपी के आदेश पर महिला सेल की प्रभारी कविता बिष्ट को जांच करने के आदेश दिए गए। शिकायत और प्रधानाचार्य की ओर से प्रस्तुत तमाम साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद विवेचक कविता ने केस में फाइनल रिपोर्ट लगाकर प्रधानाचार्य को क्लीन चिट दे दी। अनुराधा प्रधानाचार्य पर लगाये गये आरोपों के संबंध में कोई पुख्ता सबूत पुलिस को नहीं दे पाई। अनुराधा को जब फाइनल रिपोर्ट लगने का पता चला तो वह विवेचक कविता बिष्ट और सीओ मनीषा जोशी की शिकायत लेकर एडीजे राम सिंह मीणा के आफिस पहुंच गई। अनुराधा ने केस को रीओपन करने की मांग कर दी। एडीजे के आदेश पर कनखल एसओ नत्थी लाल उनियाल केस का पुन: परीक्षण करने में जुट गये। आरोप है कि इसी बीच अनुराधा ने यू टयूब पर एक वीडियो को वायरल करा दिया। इस वीडियो में अनुराधा ने पुलिस की जांच और प्रधानाचार्य को मिली क्लीन चिट को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। पीसी पुरोहित का कहना है कि इस मामले में तथाकथित पत्रकार ने भी उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया। कई बार फोन पर उन्हें धमकी दी गई। अपने आपको एक चैनल का ब्यूरो प्रमुख बताने वाला उक्त तथाकथित पत्रकार ने देहरादून से दो युवकों को स्कूल परिसर में भेजा। इन की फोटो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। प्रिंसिपल का कहना है कि वह यह सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराकर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।



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