टयूशन फीस में हेराफेरी करके अभिभावकों का शोषण करने वाले स्कूलों पर जांच के बाद कार्रवाई





गगन नामदेव
कोरोना संक्रमण काल में अभिभावकों से टयूशन फीस की आड़ में अन्य मद जोड़कर वसूली करने वाले स्कूल जांच के दायरे में आयेंगे। अभिभावकों के आरोपों की पुष्टि होने के बाद स्कूलों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जायेगी। वही फीस के लिए अभिभावकों पर कोई दबाब नही बनाया जायेगा।
उत्तराखंड शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 26 अप्रैल 2021 द्वारा कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम के दृष्टिगत विद्यालय बंद रहने के फलस्वरूप निजी विद्यालयों के फीस भुगतान की प्रक्रिया के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
मात्र ऑनलाइन/अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को विद्यालय बंद रहने की अवधि में मात्र शिक्षक शुल्क ट्यूशन फीस लेने की अनुमति होगी अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों में नहीं लिया जाएगा। ऑनलाइन/ अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण का लाभ देने के बावजूद भी शुल्क देने में असमर्थ अभिभावक कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य/ प्रबंधक समिति से शुल्क जमा करने हेतु अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकते हैं किसी भी परिस्थिति में छात्रों को शुल्क जमा करने में हुए विलंब के कारण विद्यालय से बाहर नहीं किया जाएगा उनके रोकथाम हेतु विद्यालय के बंद रहने की अवधि में सरकारी/ अर्द्धसरकारी/अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने एवं उनकी आजीविका में किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने के कारण ऑनलाइन अन्य संचार माध्यम से कक्षाओं का लाभ लेने के फल स्वरुप नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क ट्यूशन फीस जमा करवाया जाएगा उक्त निर्देशों के बावजूद भी संज्ञान में आया कि कतिपय निजी विद्यालयों द्वारा विगत वर्षों में विभिन्न मुद्दों खेल कंप्यूटर आदि में ली जाने वाली फीस को भी शिक्षण शुल्क में सम्मिलित कर अनुचित ढंग से शिक्षण शुल्क में वृद्धि कर लिया गया हैंं। निर्देशों का उल्लंघन है अतः निर्देशित किया जाता है कि तत्काल ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जांच करें। जिनके द्वारा विभिन्न निशुल्क में समाहित कर शिक्षण शुल्क लिया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर संबंधित विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए स्पष्ट आख्या उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।



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