जेपी नडडा की पाठशाला में अनुशासित सभी भाजपाई





नवीन चौहान
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा की होटल गॉडविन में संगठन की महत्वपूर्ण बैठक में सभी भाजपा कार्यकर्ता बेहद ही अनुशासित दिखे। पार्टी में आपसी गुटबाजी को दरकिनार करते हुए सभी भाजपा नेता बस 60 प्लस के दावे पर टिके दिखाई दिए। भाजपा का चुनावी एजेंडा भी विकास कार्य ही होगा। इसके संकेत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने उत्तराखंड के विकास पर आधारित पुस्तक “उत्तराखण्ड विकास के स्वर्णिम पथ पर” एवं “युवा प्रदेश युवा नेतृत्व विकल्प रहित संकल्प” पत्रिका का विमोचन के आधार पर तय किया।
कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में युवा नेताओं को तरजीह देगी। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर ही युवाओं की टीम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल जस का तस मुंह बाए खड़ा है। प्रचंड बहुमत की सरकार में चार साल तक तीन मंत्री पद खाली रहे। मंत्री पद जब भरे गए तो नेतृत्व परिवर्तन किया। भाजपा में अंद्धरूनी उठा पटक सर्वविदित है। उत्तराखंड में साढ़े चार साल की भाजपा सरकार में तीन मुख्यमंत्री बनाने का कारनामा भी भाजपा ने ही किया है। ऐसे में जनता की अदालत के बीच जाने से पूर्व भाजपा अपनी कमर कस रही है। आपसी भीतरघात को कम करने का प्रयास कर रही है। जेपी नडडा की इस पाठशाला में सभी भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता अनुशासित तरीके से भाजपा सरकार को चुनाव जीत दिलाने का दंभ भरते दिखाई दिए।
लेकिन अगर उत्तराखंड के चार साल के सियासी घटनाक्रम, कोरोना संक्रमण काल में सरकार की कार्यशैली, कुंभ पर्व के आयोजन में सरकार का निर्णय और प्रदेश में जनहित के कार्यो की बात करें तो जनता की नाराजगी सरकार से है। हालांकि जनता मूकदर्शक बनकर भाजपा सरकार की कार्यशैली को देख रही है। वही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का भी वजन तोल रही है। उनके चुनावी वायदों और दिल्ली सरकार में उनके काम पर भी उत्तराखंड की जनता की नजर है। केजरीवाल के मुफ्त बिजली के फार्मूले का कितना असर चुनाव में दिखाई देगा। इन तमाम बातों को लेकर जनता में चर्चाओं का दौर जारी है। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की बात करें तो उनके नेता मान चुके है कि सत्ता पर उनका हक है। करीब साढ़े साल तक कुंभकर्णी नींद सोया हुआ विपक्ष अब पूरी तरह से जाग चुका है। उनके पास भाजपा की नाकामियों बताने के नाम पर कुछ नही है। लेकिन खुद को सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने का सपना जरूर उनकी आंखों में तैर रहा है।
आप पार्टी और कांग्रेस के बीच भाजपा फिलहाल भी मजबूत स्थिति में ही है। केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार और अब प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चमत्कार ही भाजपा की सत्ता में ​वापिसी करा सकता है। नडडा की पाठशाला में जो अनुशासन दिखाई दिया, वैसा ही अनुशासन जनता के बीच दिखाई दिया तो परिणाम बेहद ही चौंकाने वाले होंगे।



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