नवीन चौहान
हरिद्वार मे दिन ढलते ही पुलिस की गाड़ी निकलती है। इस गाड़ी में गरीबों के लिए खाने के पैकेट रखे होते है। जहां भी कोई गरीब भूखा दिखाई देता है। उसको भोजन कराया जाता है। जी हां ये नेक कार्य आईआरबी द्वितीय के सेनानायक मंजूनाथ टीसी आईपीएस के नेतृत्व में हरिद्वार में पिछले एक माह से चल रहा है। आईआरबी द्वितीय ने पीएसी परिसर में सामुदायिक किचन चलाकर रोजाना हजारों गरीबों को भोजन कराने का संकल्प किया। जिसको प्रतिदिन पूरा किया जा रहा है। लॉक डाउन की इस संकट की घड़ी में आईआरबी द्वितीय की टीम गरीबों के लिए देवदूत बनकर उभरी है। पुलिस की टीम खाने के पैकेट लेकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जिला चिकित्सालय और आसपास के गरीब आबादी वाले इलाकों में वितरित करती है। पुलिस की ये मुहिम सराहनीय है।
कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च को भारत में लॉक डाउन घोषित किया गया। जिसके बाद एकाएक सभी व्यवस्थाएं एकाएक ठप्प पड़ गई। जो जहां था वही फंस गया। पर्यटक स्थल व सिडकुल इंडस्ट्री होने के चलते हरिद्वार में लाखों मजदूरों के सामने खाने का संकट उत्पन्न हो गया। जिसके बाद सामाजिक संस्थाओं, सरकारी स्तर पर खाने की व्यवस्थाएं शुरू की गई। इन्ही सबके बीच पुलिस की आईआरबी द्वितीय के सेनानायक वरिष्ठ आईपीएस अफसर मंजूनाथ टीसी ने 24 मार्च को पीएसी परिसर में सामुदायिक किचन की शुरूआत की। बिना किसी शोरगुल के आईआरबी द्वितीय के जवानों ने गरीबों के लिए भोजन बनाकर बांटने का कार्य शुरू किया। जो अनवरत जारी है। दिन ढलते ही आईआरबी द्वितीय के जवान खाने के पैकेट लेकर गरीबों के पास पहुंचते है। उनको भोजन कराकर और उनकी समस्याओं को सुनते हुए दूर करने का प्रयास करते है। गरीब लोग भी पुलिस की इस गाड़ी का इंतजार करने लगे है। इस किचन का खर्च पुलिस के बड़े अफसर अपने निजी वेतन से कर रहे है। सेनानायक मंजूनाथ टीसी ने बताया कि 40 हजार से अधिक खाने के पैकेज वितरित किए जा चुके है। प्रतिदन 1200 से 1500 पैकेज बनाकर गरीबों को भोजन कराने की व्यवस्था की गई है। जिसको पूरा किया जा रहा है। उप सेनानायक मनीषा जोशी की निगरानी में खाने बनाना और वितरित करने का कार्य बखूवी संचालित है। उन्होंने आईआरबी द्वितीय की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि टीम की एकजुटता से ही ये संभव हो पाया है।