मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उठाये ये महत्वपूर्ण कदम




नवीन चौहान
प्रदेश में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और बचाव कार्यों के लिए हर सम्भव कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्य सचिव स्तर पर भी स्थिति की लगातार माॅनिटरिंग की जा रही है।

सम्पूर्ण उत्तराखंड को आपदा प्रभावित घोषित किया गया। राज्य में लाॅकडाउन को सख्ती से लागू कर दिया गया। दूसरे प्रदेशों के साथ सीमा को सील करने के साथ ही एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर भी रोक लगाई गई। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर स्थिति की लगातार माॅनिटरिंग की जा रही है।

सीएम, एमएलए, मंत्रियों के वेतन में कटौती
राज्य कैबिनेट द्वारा 50  करोङ रूपए की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री, मंत्री और समस्त विधायक गणों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती, कोविड-19 फन्ड के लिए किया जायेगा तथा आगामी दो वर्षो में विधायक निधि के अन्तर्गत एक-एक करोड रूपये की कटौती कोविड-19 फन्ड के लिए की जाएगी।

कोरोना से लङने के लिए धनराशि निर्गत
कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु चिह्नित किए गए राजकीय मेडिकल कालेजों को सुदृढ़ किए जाने और उनकी क्षमता में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से चिकित्सा शिक्षा विभाग को 10 करोङ रूपए अवमुक्त किए गए हैं।

कोरोना वारियर्स को 10 लाख का कवर
कोविड- 19 कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव कार्यों में लगे सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों (संविदा, आउटसोर्स आदि) एवं सभी कोरोना वारियर्स जो कि कोविड-19 कोरोना संक्रमण से बचाव एवं राहत कार्यों में तैनात हैं, यदि वे संक्रमित होते हैं तो उनके उपचार का व्यय राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उनके जीवन की क्षति होने पर उनके आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से सीधे 10 लाख रूपए की राहत/सम्मान राशि के दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग समय समय पर गाइडलाइन जारी करता है जिसे मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है।

निजी चिकित्सा संस्थाओं से समन्वय
आवश्यकता होने पर अर्धसैनिक बलों, एनसीसी के उपयोग के लिए उच्च स्तर पर समन्वय बैठक कर योजना बनाई गई है। निजी चिकित्सा संस्थानों के सहयोग के लिये इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को ओपीडी खुली रखने के निर्देश। सामान्य जन की कठिनाई को कम करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए गए हैं।

प्रदेश में अभी कोरोना से कोई मृत्यु नहीं, 5 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज
उत्तराखंड में  14 अप्रैल तक यहाँ कुल 37 पॉजिटिव केस पाए गए। इनमें से 9 ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। अभी तक उत्तराखंड में कोरोना से एक भी मृत्यु नहीं हुई है। 2174 सेम्पल टेस्ट भेजे गए। इनमें से 1868 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। होम और इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाईन में 55 हजार से अधिक व्यक्ति हैं।

प्रदेश में कोरोना के लिए डेडिकेटेड अस्पताल
डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल नोटिफाईड किए गए हैं। बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंहनगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला चिकित्सालय, अल्मोड़ा का बेस चिकित्सालय, दून मेडिकल कालेज, मेला चिकित्सालय हरिद्वार, सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज, बी डी पाण्डे चिकित्सालय नैनीताल, बेस चिकित्सालय कोटद्वार व श्रीनगर मेडिकल कालेज इनमें शामिल हैं।

कोविड-19 की दृष्टि से 400 से अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति की गई
एम्स ऋषिकेश और हल्द्वानी मेडिकल कालेज में सेम्पल टेस्ट किए जा रहे हैं। जल्द ही और भी टेस्टिंग लेब शुरू कर दी जाएगी। 14 अप्रैल तक कोरोना पाजिटिव के लिए आइसोलेशन बेड 805 हैं, सभी जिलों में क्वारेंटाईन फेसिलिटी में 19220 बेड हैं। आईसीयू बेड 483 हैं। रोज इन सुविधाओं में बढोतरी हो रही है।

आवश्यक उपकरणों की मांग से अधिक है उपलब्धता
14 अप्रैल तक कुल पीपीई किट 31959 हैं, कोरोना मरीजों के लिए अभी 266 वेंटिलेटर आरक्षित हैं जबकि  42295 एन 95 मास्क उपलब्ध हैं। इनकी उपलब्धता भी बढ रही है।

 



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