नौ महीने बाद 15 दिसंबर से डिग्री कॉलेजों में होगी पढ़ाई, इन शर्तों का करना होगा पालन




जोगेंद्र मावी
डिग्री कॉलेजों में नौ महीने के बाद 15 दिसंबर—2020 से पढ़ाई शुरू होने जा रही है। पढ़ाई शुरू कराने से पूर्व शर्त लागू कर दी गई है। हालांकि शर्तों के अनुसार केवल प्रैक्टिकल वाले ही छात्र—छात्राएं कॉलेज आ सकेंगे। थ्योरी सब्जेक्ट वाले छात्र—छात्राओं की पूर्व की भांति ऑनलाइन पढ़ाई जारी होगी। सबसे बड़ी बात प्रैक्टिकल वाले छात्र—छात्राएं पहले कोरोना का टेस्ट कराएंगे। नेगेटिव रिपोर्ट वालों को ही कॉलेज में प्रवेश की अनुमति होगी। अभिभावकों का शपथ पत्र जरूरी होगा। समस्त स्टॉफ के साथ छात्र—छात्राओं को आरोग्य एप्प अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। पढ़ाई के समय छात्र—छात्राएं अपनी पाठन सामग्री या अन्य कोई वस्तु एक दूसरे से आदान प्रदान नहीं करेंगे।
डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई के लिए शासन ने गाइड लाइन जारी कर दी है। गाइड लाइन का पालन कराने के बाद ही डिग्री कॉजेजों में पढ़ाई शुरू हो सकेगी। कॉलेज खोलने से पूर्व पूरे परिसर को सैनिटाइज कराना होगा। छात्रों को 6 फीट की दूरी पर बैठाने के साथ 50 प्रतिशत के नियम का पालन करना होगा। लेकिन सबसे बड़ी शर्ता छात्रों को कोरोना की जांच आरटीपीसीआर से कराने के बाद ही आना होगा। गाइड लाइन प्रमुख सचिव ओम प्रकाश ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को जारी कर दी हैं। एचईसी पीजी कॉलेज के डायरेक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि शासन की गाइड लाइन प्राप्त हो गई हैं, उन्हीं के अनुसार कॉलेज में तैयारियां की जा रही है। छात्र—छात्राओं को भी गाइड लाइन भेज दी गई है।
— प्रेक्टिकल की अनिवार्यता को देखते हुए, यूजी और पीजी में प्रथम सेमेस्टर और फाइनल सेमेस्टर के छात्र 15 दिसंबर से स्वेच्छा से कॉलेज आ सकेंगे। इसके लिए अभिभावकों को कॉलेज खुलने से पहले अपनी लिखित सहमति कॉलेज के पास जमा करनी होगी।
थ्योरी की कक्षाएं ऑनलाइन ही चलेंगी
— गाइड लाइन के अनुसार थ्योरी वाली कक्षाओं में अब भी ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी रहेगी। प्रथम और फाइनल सेमेस्टर में प्रयोग सफल होने के बाद ही दूसरी कक्षाओं के प्रेक्टिकल संचालित हो सकेंगे। जरूरत पड़ने पर कॉलेज वर्चुअल प्रेक्टिकल लैब का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
सभी कॉलेजों में लागू होगी एसओपी
उक्त आदेश राज्य के सभी सरकारी और निजी डिग्री कॉलेजों के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल, पैरा मेडिकल कॉलेजों पर भी लागू होगा। हालांकि मेडिकल, पैरा मेडिकल कॉलेज के लिए एसओपी अलग से जारी होंगी।
यह है अनिवार्यता 
एसओपी में स्पष्ट किया गया है कि बाहरी राज्यों से आने वाले और हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही डे स्कॉलर को भी आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना होगा। साथ ही कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ ही छात्र-छात्राओं के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने का उल्लेख भी आदेश में दर्ज है। छात्रों की सुविधा को देखते हुए, कॉलेज ट्रांसपोर्ट सुविधा दे सकेंगे, लेकिन इसके लिए भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा।
सेक्शन बढ़ाएं या वैकल्पिक दिवस का उपयोग करें
आदेश में कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। कॉलेज सेक्शन बढ़ाने, पाली बढ़ाने या फिर वैकल्पिक दिवस पर कक्षा संचालित करने में से कोई एक विकल्प अपना सकेंगे। जरूरत पढ़ने पर पढ़ाई का समय बढ़ाया जा सकता है। कक्षाओं में छात्रों के बीच छह फीट की दूरी रखनी होगी। कॉलेजों को निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
कॉलेज को गेट पर सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की करानी होगी व्यवस्था
आदेश मे राज्य के सभी कॉलेजों को गेट पर ही सेनिटाइज, हैंडवॉश, थर्मल स्कैनिंग की सुविधा की व्यवस्था कराने तथा एक वक्त में कॉलेज के अंदर पचास प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं रखने को कहा गया है। इस दौरान फील्ड विजिट, शैक्षणिक टूर या बाहरी व्यक्तियों के लैक्चर प्रतिबंधित रहेंगे। कॉलेजों में पढ़ाई की सामग्री का एक दूसरे से आदान प्रदान नहीं किया जा सकेगा।



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