नवीन चौहान.
विगत 24 दिनों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती को शीघ्र पूर्ण करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय में दिन रात्रि के धरने पर बैठे डायट डीएलएड प्रशिक्षितों का एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को सुबह विधायकों को ज्ञापन देने के बाद देर शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला।
प्रशिक्षितों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती विगत 3 वर्षों से लंबित है, जिसका मुख्य कारण भर्ती संबंधी वादों का न्यायालय में प्रभावी पैरवी न होना है, इसलिए भर्ती को शीघ्र पूरी कराने हेतु भर्ती संबंधी समस्त वादों की पैरवी राज्य के महाधिवक्ता से करवाई जाए।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार भर्ती को शीघ्र पूर्ण कराने को लेकर प्रतिबद्ध है और अगली सुनवाई में इसकी पैरवी महाधिवक्ता ही करेंगे। डायट डीएलएड प्रशिक्षित मुकेश चौहान ने बताया कि डायट डीएलएड संघठन प्राथमिक शिक्षक भर्ती को शीघ्र अतिशीघ्र पूर्ण करवाने के लिए शिक्षा निदेशालय में विगत 24 दिनों से धरना प्रदर्शन, क्रमिक अनशन, दिन रात्रि धरना, कैंडल मार्च, सचिवालय कूच, विधानसभा कूच कर चुका है।
वहीं दूसरी ओर बीएड महासंघ प्राथमिक शिक्षक भर्ती को पूर्ण करने की बजाय पद वृद्धि के साथ साथ उन जिलों में विज्ञापन जारी करने की मांग कर रहा है जिन जिलों के बारे में विभागीय अधिकारी यह बता चुके हैं कि इन जिलों मे पहले से ही शिक्षक सरप्लस चल रहे हैं और अगर विज्ञापन फिर से निकलता है तो फिर यह मुद्दा न्यायालयी प्रकरण के तहत आ जायेगा।
बताते चलें कि 2017 से राज्य के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। जिससे संविधान के अनुच्छेद 21 क और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन हो रहा है। जिस कारण राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। विख्यात शिक्षाविदों के अनुसार कोरोना के चलते प्रभावित हुई शिक्षा व्यवस्था के कारण एक कम समझदार पीढ़ी की आशंका जताई जा रही है।