DAV देहरादून में अंग्रेजी भाषा दिवस की धूम, बच्चों की रंगारंग प्रस्तुति ने बांधा समा




नवीन चौहान.

डीएवी स्कूल देहरादून में अंग्रेज़ी भाषा दिवस बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी उपस्थितजनों का मन मोह लिया। बच्चों ने अपने भाषाई ज्ञान का प्रदर्शन किया।

प्रधानाचार्य शालिनी समाधिया ने बच्चों का उत्साहबर्धन किया और जीवन में असीम ऊंचाईयों को छूकर स्कूल का नाम गौरवांवित करने का आशीर्वाद दिया।
‘विश्व भाषा’ के रूप में अंग्रेज़ी भाषा की शक्ति एवं महत्त्व को स्वीकारते हुए “भाषा संस्कृति का रोड मैप है”– इस उक्ति पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर बच्चों को अपनी भाषाई क्षमताओं को प्रदर्शित करने और निखारने का अवसर देने के लिए अनेक गतिविधियों तथा रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य विषय बहु भाषावाद, सांस्कृतिक विविधता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रचनात्मकता को उत्सव के रूप में मनाना था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. तृप्ति थपलियाल जी को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

कक्षा तीन और चार के विद्यार्थियों ने काव्य नाट्य प्रस्तुत किया। महिलाओं की सहज सुंदरता और ताकत को श्रद्धांजलि देने के लिए कक्षा पांच और छह के छात्रों द्वारा एक नृत्य प्रस्तुति दी गई, जिसके बाद एक समूह कविता पाठ किया गया।

कक्षा आठवीं-नौवीं ने एक अंग्रेजी गीत गाया और कुछ विद्यार्थियों ने स्व-रचित कविताएँ सुनाईं। कक्षा 11 स के द्वारा ‘मदर्सडे’ नाटक का मंचन और ‘वीआर द वर्ल्ड’ गीत का प्रस्तुतिकरण किया गया। कक्षा 11 बने प्रतिष्ठित कविताएँ ‘इफ’ और ‘इनविक्टस’ सुनाईं। कक्षा 11 ब की प्रधिधि त्रिपाठी और संस्कृति ने ‘क्या आधुनिक समय में गांधीवाद प्रासंगिक है?’ विषय पर वाक युद्ध छेड़ दिया।

कक्षा 11 अ के छात्रों द्वारा प्रसिद्ध साहित्यिक पात्रों के एकालाप प्रस्तुत किए गए। कक्षा 12 ए के आशीष शर्मा ने स्वामी विवेकानन्द के भाषण की समीक्षा की। मुख्य अतिथि, डॉ. तृप्ति थपलियाल ने छात्रों के उत्साह और दिलचस्प प्रदर्शन की सराहना की और उनसे अपनी भारतीय संस्कृति के साथ मजबूती से जुड़े रहते हुए अपने अंग्रेजी भाषा कौशल को सुधारने की सलाह दी।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया ने अंग्रेजी भाषा कौशल को निखारने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। अंग्रेजी हमारी शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गई है और यह विश्वस्तर पर विभिन्न उद्योगों, संस्थानों और व्यापार की पसंदीदा भाषा है। उन्होंने अंग्रेजी विभाग और छात्रों को उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता प्रदर्शित करने के उनके ठोस प्रयासों के लिए बधाई दी।



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