शीर्ष नेताओं के पद व कद बदलते ही बदली आस्था और फिर बदल दी डीपी




जोगेंद्र ​मावी
नेताओं के पद व कद बदलते ही समर्थकों की आस्था बदल जाती है। पहले सत्ता में काबिज रहे बड़े नेताओं के साथ थे तो अब ​विधानसभा टिकट या संगठन में पदों की लालसा के लिए हरिद्वार के कई नेताओं ने गुट बदल लिए हैं। हालांकि शीर्ष नेता गुट जैसी बात न होने की बात कहते हैं, लेकिन सच्चाई सभी जानते हैं।
बात कर रहे है कांग्रेस पार्टी की। हरिद्वार में हमेशा से दो गुट रहे हैं। हालांकि पहले तीन गुट चलते थे, लेकिन अब एक गुट शांत बैठा हुआ है। प्रदेश में सक्रिय गुटों की बात करे तो एक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का है तो दूसरा प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का गुट इस समय शांत है। वे दोनों के कार्यक्रम में देखे जाते हैं। अब हाल में कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने शीर्ष नेताओं की आस्था बदली है। उनमें से एक नाम है युवक कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी का। राजीव चौधरी 2007 से 2011 तक जिलाध्यक्ष रहे। वे हरीश रावत के साथ 2004 से जुड़े थे। वे उनके खास सिपहसालारों में गिने जाते थे।

हरीश रावत जब भी हरिद्वार आए तो उनकी गाड़ी में उनका पदार्पण होता था। राजीव चौधरी उस गाड़ी के चालक हुआ करते थे। लोकसभा चुनाव— 2009 में राजीव हरीश रावत के सारथी बनें। इसके बाद लोकसभा—2014 में हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत चुनाव मैदान की उतरीं तो भी राजीव चौधरी ही रात दिन उनके साथ रहे और पूरी मेहनत की। हरीश रावत के केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ लगे रहे और कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने का काम करते रहे। लेकिन अब राजीव चौधरी हरीश रावत के बजाय दूसरे गुट के साथ नजर आ रहे हैं। उनकी आस्था अब प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम के साथ उनके गुट के नेताओं के साथ नजर आ रही है। पिछले महीने राजीव प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में लालढांग में किसान रैली भी निकलवा चुके हैं। प्रदेश के अन्य कार्यक्रमों में भी उनके साथ देखे जाते हैं।

हरीश रावत की रैली निकलवाते हुए राजीव चौधरी
जहां रहे उन्हीं के लिए जीतोड़ मेहनत की
राजीव चौधरी का कहना है कि युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बनने के बाद जीतोड़ कर कांग्रेस के लिए मेहनत की और खासकर युवाओं को पार्टी से जोड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए हमेशा काम किया। वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह हैं और पार्टी का सिपाही होने के नाते हुए शीर्ष नेता के साथ हैं। प्रीतम सिंह जब पहली बार 2002 में मंत्री बने थे तभी से उनके साथ हूं। अब आगे बढ़ने की इच्छा और महत्वाकांक्षा है। तो मैदान में उतरकर काम कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ राजीव चौधरी

डीपी से हटाई हरीश की फोटो अब प्रीतम की लगाई
राजीव चौधरी ने पिछले 8—9 सालों से अपनी फेसबुक पर हरीश रावत के साथ डीपी में फोटो लगाई हुई थी, लेकिन यह फोटो उन्होंने शुक्रवार 20 नवंबर 2020 को हटाते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की लगा ली। हालांकि राजीव चौधरी का कहना है कि फेसबुक की डीपी पर फोटो पुराना हो गया था अब नया डाल दिया।

पहले डीपी पर ये थी फोटो

शीर्ष नेताओं को सलाह
राजीव चौधरी ने अपने राजनीतिज्ञ गुरु को परामर्श दिया है। उनका कहना है कि हरीश रावत की आयु बहुत ज्यादा हो गई है वे युवाओं को त्वज्यो दें और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। फिलहाल गुटों से दूर निकलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने का समय है। यदि कांग्रेस नेता एक मंच पर आकर काम करें तो सत्ता में कांग्रेस फिर से काबिज होगी।  आने वाले समय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करने को जीतोड़ मेहनत करेंगे। यदि कोई नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के द्वारा बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष को नहीं मानता है तो वह कांग्रेस नेतृत्व का विरोध कर रहा है। ऐसे नेता बर्दास्त नहीं किए जाएंगे। मैं प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में काम कर रहा हूं तो यह मेरी समझ से परे है।



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