जोगेंद्र मावी
उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा की मौत की गुत्थी पूरी तरह से उलझी हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता की मौत के बाद हरिद्वार के किसी भी दल के नेता या सामाजिक संगठनों ने जांच के लिए आवाज तक नहीं उठाई, लेकिन अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरटीआई कार्यकर्ता की मौत को षड्यंत्र का परिणाम बताकर नई हवा दी है। क्योंकि हत्याकांड में पहले से ही साजिश की बू आ रही थी।
पुलिस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए पीएम रिपोर्ट और फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हालांकि पंकज लांबा हत्याकांड में पुलिस ने मृतक की पत्नी ज्योति लांबा की तहरीर के आधार दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पंकज लांबा के साथ पार्टी में शामिल हुई लड़कियों के बयान ले चुकी है। पुलिस ने एक पिस्टल और एक राइफल व एक खोखा भी बरामद किया था। अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल पेज पर पोस्ट कर आरटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा हत्याकांड को षड़यंत्र बताते हुए मामले को उठाने का काम किया है।
ये है हरीश रावत की पोस्ट
आरटीआई कार्यकर्ता और कांग्रेस के बहुत होनहार नेता, एक नौजवान जिसमें संघर्ष का मादा था, बहुत रहस्य पूर्ण परिस्थितियों में अपनी ही राइफल से चली गोली का शिकार हो गये हैं, उनकी मौत षड्यंत्र का परिणाम भी हो सकती है, बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले को सामने लाने में #पंकज_लांबा की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण थी, बल्कि यदि मैं यह कहूं कि, ये उनके ही प्रयासों का फल था कि छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया।
दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने शुरू की जांच
मूल रूप से मेरठ जनपद के निवासी पंकज लांबा कई सालों से हरिद्वार के शिवालिकनगर क्षेत्र के सुमननगर में गली नंबर सात में किराये के घर में परिवार के साथ निवास कर रहे थे। 4 दिसंबर—2020 दिन शुक्रवार की देर रात को पंकज लांबा अपने दोस्त कासिम और मानव के साथ सुमननगर स्थित वैध एनक्लेव में मानव के परिचित के घर गए थे। घर पर 15 व 17 साल की दो किशोरियां भी थी। पंकज लांबा ने इनके साथ पार्टी की। रात में करीब 11 बजे 17 साल की लड़की के हाथ से गोली चल गई, जोकि लांबा के गर्दन को भेदते हुए निकल गई। बताया जा रहा है राइफल स्वयं पंकज ने लड़की के मांगने पर दी थी। गोली लगते ही घायल पंकज को वे लोग अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पंकज हत्याकांड के बाद मामला गरमा गया। लोग इसे हत्याकांड का नाम देने लगे। मामला सुर्खियों में आने पर पुलिस ने सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने पत्नी ज्योति लांबा की तहरीर पर कासिम और मानव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
कई सालों से लगा रहे जनहित मुद्दों पर आरटीआई
पंकज लांबा जनहित के मुद्दों पर आरटीआई लगाते रहते थे। उन्होंने सन 2013 में समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला का खुलासा करने के लिए आरटीआई लगाई थी। खुलासा होने पर सन 2016 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की। हाईकोर्ट के आदेश पर 2017 में एसआईटी का गठन हुआ और एक दिसंबर 2018 को सिडकुल थाने में छात्रवृत्ति घोटाले का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने पर कांग्रेस के विधायक काजी निजामुद्दीन के छोटे भाई, पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन के भतीजे समेत कई कॉलेजों के संचालक गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके है।
आरटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा की हत्या को पूर्व सीएम हरीश रावत ने बताया षड़यंत्र, ये था मामला
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