जोगेंद्र मावी
किसान आंदोलन के तहत हरिद्वार में बाजार बंद कराने के लिए उतरे कांग्रेसियों ने व्यापारियों से आग्रह कर उनके प्रतिष्ठान बंद कराए। पूर्व विधायक अंबरीष कुमार, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, प्रदेश महासचिव डॉ संजय पालीवाल और सतीश कुमार, पूर्व सचिव महेश प्रताप राणा, पूर्व विधायक रामयश सिंह, युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वरुण बालियान, पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी, अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुनील कड़च्छ, हिमांशु बहुगुणा, अंकित चौहान, पार्षद अनुज सिंह, नावेज अंसारी समेत भारी संख्या में नेताओं ने ज्वालापुर के जटवाडा पुल से ज्वालापुर के बाजारों को बंद कराया। कांग्रेस नेताओं का बाजार बंद कराने का अभियान सुचारू रहा। वरुण बालियान ने कहा कि पूरा देश किसानों के साथ हैं। उन्होंने व्यापारियों से कहा कि किसान के बिना उनका कारोबार भी नहीं चलने वाला। अन्नदाता के खून पसीने की मेहनत से सभी को खाने को भोजन मिल रहा है।
हरिद्वार के बाजारों के व्यापारियों ने भी सहयोग करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद करने शुरू कर दिए। पूर्व प्रदेश महासचिव महेश प्रताप राणा ने व्यापारियों से आग्रह करते हुए कहा कि किसान और व्यापारी दोनों एक दूसरे के पूरक है। आज किसान अपनी मांगों के लिए धरने प्रदर्शन कर रहे हैं तो कल व्यापारी अपनी मांगों के लिए बाजार बंद रखते है, इसलिए सभी को एक दूसरे के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।
युवक कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने भी व्यापारियों से किसानों के आंदोलन में सहयोग करने को अपील की। उन्होंने कहा कि किसान हमेशा सभी वर्ग का सम्मान करता है और आज अपने हित के लिए आवाज उठा रहा है तो इसमें सभी को सहयोग करना चाहिए।अनूसूचित जाति विभाग के जिलाध्यक्ष सुनील कड़च्छ ने कहा कि किसान का बेटा ही देश की सीमा की रक्षा कर रहा है। इसलिए आज किसान को देश के सभी वर्ग के सहयोग की जरूरत है।
प्रदेश महासचिव डॉ संजय पालीवाल, किसान नेता अंकित चौहान, पार्षद अनुज सिंह ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों से सभी वर्ग प्रभावित है। पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी के साथ कई काले कानून लागू किए, जिससे आज भी व्यापार उबर नहीं पा रहा है। किसानों, मजदूरों के साथ व्यापारी भी आत्महत्या करने को मजबूर है।
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि किसान वर्ग अपनी आजीविका के साथ देश की आर्थिक व्यवस्था से जुड़ा है। कोरोना कार्यकाल में किसान की वजह से अर्थव्यवस्था उबरी। इसलिए आज व्यापारियों को उनकी मांगोें के लिए चल रहे आंदोलन में सहयोग करना चाहिए।