महिला जज के घर से बरामद किशोरी के ब्लड टेस्ट, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। सिविल जज दीपाली शर्मा के घर से बरामद कर बंधन मुक्त कराई गई 14 साल की किशोरी की मनोदशा ठीक नहीं बताई जा रही है। किशोरी ने अपने परिजनों ने मिलने की इच्छा भी सीडब्लूसी के मैंबर्स के सामने जाहिर नहीं की है। सीडब्लूसी मैंबर्स और पुलिस टीम किशोरी को लेकर महिला अस्पताल पहुंची। जहां महिला चिकित्सकों ने किशोरी के कई परीक्षण के लिये ब्लड सैंपल लिये है। चोट वाले स्थानों पर मरहम पट्टी की गई है। पूरा प्रकरण हाईकोर्ट की देखरेख में है।
गत दिनों हाईकोर्ट के आदेश पर सीडब्लूसी मैंबर्स, जिला जज और हरिद्वार पुलिस ने हरिद्वार की सिविल जज दीपाली शर्मा के घर से 14 साल की किशोरी को बहदहवास हालत में बरामद किया है। बच्ची के शरीर पर करीब 20 चोटे पाई गई। इस सनसनीखेज प्रकरण में बरामद किशोरी सीडब्लूसी मैंबर्स की देखरेख में है। हल्द्वानी से हरिद्वार पहुंचे एक दंपति ने बेटी को अपना बताने का दावा किया। लेकिन सीडब्लूसी मैंबर्स ने परिजनों से बेटी होने के तमाम सबूत मांगे। सीडब्लूसी मैंबर्स का तर्क है कि परिजनों तस्दीक होने पर ही मिलने दिया जा सकता है। वही दूसरी ओर किशोरी ने भी सीडब्लूसी मैंबर्स से अपने परिजनों से मिलने की कोई इच्छा व्यक्त नहीं की है। शनिवार की सुबह करीब 11 बजे सीडब्लूसी मैंबर्स की टीम किशोरी को लेकर महिला अस्पताल पहुंची। महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ भवानी पाल ने बताया कि किशोरी का ब्लड सैंपल लिया गया है। टेस्ट कराये जा रहे है। वहीं किशोरी की जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार दिया गया। उसके घावों पर मरहम पट्टी कराई गई। सीडब्लूसी मैंबर्स रंजना शर्मा ने बताया कि किशोरी ने परिजनों से मिलने के संबंध में कोई इच्छा जाहिर नहीं की है।



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