काकोरी कांड़ के शहीदों को दी श्रद्धांजलि में कहा कि दमन करने में भाजपा नेे अंग्रेजों को पछाड़ा




नवीन चौहान
इंकलाबी मजदूर केंद्र के सदस्यों ने काकोरी कांड के शहीदों को याद करते हुए क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद विश्मिल, रोशन सिंह एवं राजेन्द्र लाहिड़ी के अमर बलिदान को याद किया गया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान भाजपा की सरकार को हठधर्मी सरकार बताते हुए कहा कि दमन करने में तो अंग्रेजों को भी पीछे कर दिया है।
शनिवार को रावली महदूद में प्रभात फेरी निकाली गई एवं समापन एक सभा में किया गया। काकोरी कांड के शहीदों को याद करते हुए इंकलाबी मजदूर केन्द्र के हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि काकोरी कांड के शहीद अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह एवं राजेंद्र लाहिड़ी आदि क्रांतिकारियों ने लखनऊ सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन में काकोरी स्टेशन के नजदीक जो अंग्रेजों के खजाने को लूटा। यह खजाना अंग्रेजो के द्वारा भारत को लूट कर अपने देश ले जाया जा रहा था। क्रांतिकारियों का उद्देश्य इस खजाने से आजादी के आंदोलन को और तेज करना था। इन क्रांतिकारियों ने देश को आजाद करने के लिए सभी जाति धर्म के लोगों को एक साथ लेकर अंग्रेजों से लोहा लिया और अपने प्राणों की बलि दे दी।
भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के महामंत्री अवधेश कुमार ने कहा कि हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा 1917 में रूस में महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति के विचारों को आत्मसात करके हिन्दुस्तान के नौजवानों में क्रांति के लिए जोश पैदा किया। समाजवाद से प्रेरित होकर ही इन क्रांतिकारियों ने अपने संगठन का नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन रखा।
फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी के प्रचार मंत्री देवेन्द्र सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए तीन काले कृषि कानून लायी है। जिसका पहले पंजाब और हरियाणा में और अब पूरे देश में विरोध हो रहा है। 26 नवंबर से देश भर के किसानों ने राजधानी दिल्ली की सीमाओं को ही अपने आन्दोलन का केन्द्र बनाया हुआ है। 24 दिन से लगातार आंदोलन चल रहा है। सरकार आंदोलन का दमन इस प्रकार कर रही है। जिसमें अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया है। 38 किसान इस आन्दोलन में शहीद हो चुकेे है। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की संयोजिका दीपा ने कहा कि आज के दौर में आजादी के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि वर्तमान के संघर्षों में भागीदारी करके और इस पूंजीवादी व्यवस्था के स्थान पर मजदूर- मेहनतकशों का राज समाजवाद को लाने के लिए संघर्ष में अधिक से अधिक भागीदारी करके ही हो सकती है। प्रभात फेरी एवं सभा में राज किशोर, पंकज कुमार, राजू, नीशू कुमार, अवधेश कुमार, कुलदीप सिंह, विजय कुमार, रामकुमार, ब्रिजेश कुमार, देवेंद्र सिंह, रंजना, दीपा आदि उपस्थित रहे।



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