प्लेसमेंट बढ़ाने के लिए छात्रों के साथ किया गया मॉक इंटरव्यू




मेरठ।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में आज डायरेक्टरेट ऑफ़ ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट द्वारा छात्रों का अधिक से अधिक विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट किया जा सके इसके लिए मॉक इंटरव्यू का आयोजन किया गया।

इस अवसर संबोधित करते हुए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने कहा कि छात्रों को कंपनी के प्रोफाइल के बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिए साथ साथ अपनी पर्सनैलिटी को डिवेलप करने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए संयुक्त निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट कश्यप प्रकाश ने आलू की विभिन्न प्रजातियों और उसकी खेती के बारे में जानकारी दी।

प्रोफ़ेसर कमल खिलाड़ी ने छात्रों को धान की खेती में लगने वाले विभिन्न रोगों और उनके नियंत्रण साथ-साथ आलू की फसल में लगने वाले रोग और उनके नियंत्रण की विस्तार से जानकारी दी प्रोफेसर गजे सिंह ने आलू की फसल में लगने वाले विभिन्न कीट के साथ-साथ छात्रों के पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए कई सुझाव दिए।

प्रोफेसर डीबी सिंह एसोसिएट डायरेक्टर ट्रेनिंग व प्लेसमेंट ने छात्रों को इंटरव्यू पैनल के सामने किस प्रकार अपने को पेश किया जाना है साथ ही अपने कैरियर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के टिप्स दिए। डॉक्टर राजेंद्र सिंह सह प्राध्यापक ने आलू के खेत में लगने वाले विभिन्न कीटों का किस प्रकार से जैविक विधि द्वारा नियंत्रण किया जाए की पूर्ण जानकारी छात्रों को दी। उन्होंने इको फ्रेंडली तकनीक को अपनाने पर जोर दिया।

प्रोफेसर आर एस सिंगर निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को अधिक से अधिक कैंपस इंटरव्यू के द्वारा बेसमेंट दिलाया जा सके इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर केके सिंह के दिशा निर्देश विभिन्न कंपनियों को कैंपस में बुलाकर कैंपस इंटरव्यू आयोजित किए जा रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय में पहली बार कुलपति प्रोफेसर केके सिंह के दिशा निर्देशन में यह पहल प्रारंभ की गई थी। इसी का नतीजा है कि कई कंपनियां अब विश्वविद्यालय में आने लगी है और छात्रों को रोजगार दे रहे है।

कंपनियों में इंटरव्यू देने के लिए छात्रों में उत्साह है और वह बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं डॉ सेंगर ने बताया कि भविष्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियों को कैंपस में बुलाया जाएगा जिससे इस विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन सके और छात्रों द्वारा की गई ट्रेनिंग का फायदा उनको मिल सके।



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