चंडीघाट पर 37 साल से बसें लोगों को हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम का किया विरोध, यतीश्वरानंद आए साथ





जोगेंद्र मावी
कुभ—2021 के तहत चंडीघाट पर बसीं आबादी को हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम का विरोध स्थानीय लोगों के साथ विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने किया। विधायक ने बस्ती के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की पैरवी की। इस दौरान एसडीएम गोपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने गौरीशंकर द्वीप, चंडीघाट के आसपास के क्षेत्रों के साथ चमगादड टापू का अतिक्रमण हटाया।
सोमवार को कुंभ प्रशासन के निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन की टीम हरिद्वार एसडीएम गोपाल सिंह रावत के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची। प्रशासनिक टीम ने गौरीशंकर द्वीप, चंडीघाट एवं चमगादड़ टापू के पास का अतिक्रमण हटाना शुरू किया। जब टीम चंडीघाट बस्ती की ओर बढ़ी तो लोग परेशान हो गए। उन्होंने विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को सूचना दी। मौके पर पहुंचे विधायक का तर्क था कि यह लोग पिछले करीब 37 सालों से यहां निवास कर रहे हैं। लिहाजा उन्हें हटाने से पहले इनकी कहीं और व्यवस्था कर ही इन्हें हटाने का प्रयास किया जाए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि सर्दियों के मौसम में वे यहां से कहां जाएंगे। इस पर विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने जिलाधिकारी सी रविशंकर से वार्ता की। विधायक ने बस्ती में बसें लोगों का इंतजाम अन्य किसी सुरक्षित स्थान पर किया जाए। स्थानीय राजकुमार मिश्रा, मुन्ना ठाकुर ने बताया कि उनका वोटर आईडी और राशन कार्ड सन 1993 से बने हुए हैं। इस बस्ती में 5 वार्ड मेंबर निर्वाचित किए जाते हैं। ऐसे में अगर उन्हें यहां से हटाना ही था तो उन्हें वोट देने का अधिकार सहित अन्य सुविधाएं क्यों दी गई। इन लोगों का कहना है कि बस्ती के बीच में ही दो बड़े-बड़े कुष्ठ आश्रम और एक बहुत बड़ी संस्था है जो बस्ती के गरीब बच्चों के लिए ही सेवा भाव का काम कर रही है। ऐसे में बस्ती को यहां से हटाया जाना कतई भी उचित नहीं। मामले में विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि यह लोग यहां 1983 के कुंभ से रहते हैं, तब से लेकर आज तक इन्हें किसी को कुंभ में नहीं हटाया गया। यहां तक कि कुंभ—2010 के विशाल आयोजन में भी इन्हें नहीं हटाया गया था।

चंडीघाट बस्ती में अतिक्रमण हटाने गई टीम का विरोध करते हुए, साथ में विधायक स्वामी यतीश्वरानंद

आखिर अब इन्हें क्यों हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक इन परिवारों को कहीं और विस्थापित ने किया जाएगा तब तक अतिक्रमण नहीं हटने दिया जाएगा। वहीं, एसडीएम गोपाल सिंह चौहान का कहना है कि अतिक्रमण चंडी घाट बस्ती का नहीं हटाना था, बल्कि घाट के आसपास के क्षेत्रों के साथ पार्किंगों का हटाना था। जिसे टीम ने पूरी तरह से हटा दिया है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *