नवीन चौहान
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज के अस्थित अवशेष रविवार की प्रातः कनखल स्थित सतीघाट पर गंगा में विसर्जित कर दिए गए। अस्थि विसर्जन कर्म उनके शिष्य लोकश दास व अरूण दास ने किया। अस्थि विसर्जन से पूर्व उनके अस्थि अवशेषों पर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
विदित हो कि शुक्रवार को स्वामी हंसदेवाचार्य का लखनऊ के समीप सड़क हादसे में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को हरिद्वार में खड़खड़ी शमशान घाट पर किया गया। आज उनके अस्थि अवशेष संतों व
भक्तों की मौजूदगी में गंगा में विसर्जित कर दिए गए। इस दौरान योगगुरु बाबा रामदेव, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महंत रविन्द्रपुरी महाराज, बाबा बलरामदास हठयोगी, महंत ऋषिश्वरानंद, म.म. स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, सतपाल ब्रह्मचारी, आचार्य कर्मवीर, ओमप्रकाश जमदग्नि समेत अनेक संत व गणमान्य नागरिक मौजूद थे। अस्थि विसर्जन के पश्चात श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जहां संतों ने बैकुण्ठवासी जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज को वाक्यांजलि अर्पित की।