‘ऐसे हैं श्रीराम’ पुस्तक का शोभित विश्वविद्यालय में विमोचन




महर्षि वाल्मीकि प्रणीत रामायण में वर्णित श्रीराम के व्यक्तित्व पर आधारित है पुस्तक
मेरठ। अयोध्या में रामलला विराजमान होने के साथ भगवान श्रीराम जी के व्यक्तित्व के विविध आयाम से परिचित कराने वाली पुस्तक का ‘ऐसे हैं श्रीराम’ पुस्तक का लोकार्पण शोभित विश्वविद्यालय में किया गया।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ शोभित कुमार एवं कुलाधिपति सम्मानीय कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने युवाओं को श्रीराम जी के जीवन से सीख लेते हुए उनके गुणों को अपनाने की सीख दी। पुस्तक के लेखक राजीव उपाध्याय यायावर ने विस्तार से ऐसे हैं श्रीराम पुस्तक के विषय में शोध से लेकर प्रकाशन तक की अपनी यात्रा का उल्लेख किया।

शोभित विश्वविद्यालय के सभागार में ऐसे हैं श्रीराम पुस्तक का लोकार्पण भव्य समारोह के बीच किया गया। श्रीराम जी के व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक शोभित विश्वविद्यालय, गंगोह में गत वर्षों से चल रहे महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण के शोध पर आधारित है। ऐसे हैं श्रीराम पुस्तक को शोभित विश्वविद्यालय, गंगोह के विरासत, यूनिवर्सिटी हेरिटेज रिसर्च सेंटर द्वारा प्रकाशित किया गया है।

लोकार्पण समारोह में शोभित विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ शोभित कुमार ने कहा कि सदियों ने श्रीराम देश ही नहीं देश से बाहर अनेक देशों में आदर्श रहे हैं। पुरातन काल से हमारी पीढ़ियां श्रीराम जी के जीवन मूल्यों से सीखती आई है और आगे भी सीखती रहेंगी। शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में संसार को आदर्श जीवन जीने की सीख देने की अपार सम्भावनाएं हैं। रामायण भी उसी ज्ञान परम्परा का हिस्सा है। रामायण में श्रीराम जी के व्यक्तित्व के विविध आयाम आज भी प्रतिमान बनकर हमारे समक्ष खड़े हैं।

विरासत के समन्वयक और शोधकर्ता राजीव उपाध्याय यायावर ने बताया कि पुस्तक का मूल प्रतिपाद्य महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण पर आधारित है। महर्षि वाल्मीकि जी ने श्रीराम जी के जिन गुणों को रामायण में प्रतिष्ठित किया है, उन्हीं गुणों को पुस्तक में स्थान दिया गया है ताकि पाठक श्रीराम जी के उन गुणों से परिचित हो सकें जिनका वर्णन वाल्मीकि जी ने स्वयं किया है।

ऐसे हैं श्रीराम पुस्तक में श्रीराम जी के व्यक्तित्व से जुड़े उनके गुण धैर्यवान, क्षमाशील, अदोषदर्शी, शांतचित्त, कृतज्ञ, ज्ञानोत्सुक, सहज व्यक्तित्व के स्वामी, बुजुर्गों का सम्मान करने वाले, दयावान, क्षत्रिय धर्म के पालक, नकारात्मकता से दूर, कुशल वक्ता, लोकप्रिय, वेदों के यथार्थ ज्ञाता, आदर्श शिष्य, पुरुषार्थी, अभिप्राय को छिपाने में दक्ष, स्थिरप्रज्ञ, कुशल मनोविज्ञानी, विद्वजनों के संग्रहकर्ता, ज्ञानसम्पन्न, युद्धवीर, निर्दम्भ, दृढ़ व्यक्तित्व के स्वामी, सूर्य की भांति प्रकाशवान, तेजस्वी, सत्यनिष्ठ, सदाचारी, मृदुभाषी, विद्वानों के उपासक, सम्पूर्ण विद्याओं में निष्णात, अपराजेय, सबका ध्यान रखने वाले, धर्मज्ञ, विष्णु स्वरूप, पराक्रमी, प्राणियों के रक्षक, संयमशील और सर्वगुणी आदि को श्लोकों एवं अनुवाद के माध्यम से प्रस्तुत किया है।

राजीव उपाध्याय द्वारा लिखित और शोभित विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक “ऐसे है मेरे राम” के विमोचन के दौरान उपस्थित गणमान्य वाइल्ड ओक नेचुरल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक अंबर राज, प्रो. देविंदर नारायण, वरिष्ठ निदेशक, कॉर्पोरेट संबंध और मानव संसाधन, अर्जुन कुमार वर्मा, निदेशक, शोभित विश्वविद्यालय, कर्मचारी और आमंत्रित अतिथि उपस्थित रहे।



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