प्रमुख अखाड़े के संतों ने घेरा सीसीआर, सवाल उठाते हुए बोलें कुंभ में नहीं है कोई व्यवस्था, कैसे होगा पर्व




जोगेंद्र मावी
अभी चंद्राचार्य चौक पर भगवान श्री चंद्र की प्रतिमा हटाने का मामला शांत नहीं हुआ था कि कुंभ-2021 में अव्यवस्थाओं के साथ अखाड़ों की छावनी के लिए भूमि आवंटित न किए जाने से आक्रोशित संतों ने सीसीआर को घेर लिया। इससे मेला प्रशासन में हड़कंप मच गया। अपर मेलाधिकारी डाॅ अंशुल सिंह ने अखाड़ा के संतों को बड़ी मुश्किल से समझाकर शांत किया।
कुंभ-2021 का पर्व विधिवत शुरू नहीं हुआ है, लेकिन श्रद्धालु तो मकर संक्रांति के पर्व से कुंभ की शुरूआत मानकर चल रहे हैं। शासन फरवरी महीने में कुंभ का शुभारंभ करने की बात कह चुका है। लेकिन अभी तक कुंभ के लिए अखाड़ों को भूमि आवंटित नहीं की जा चुकी है और न ही छावनी बनाने का काम शुरू हुआ है। ऐसे में शनिवार को जूना अखाड़ा के आक्रोशित संत सीसीआर पहुंच गए और परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रमुख अखाड़ा के संतों के धरने पर बैठते ही मेला प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि मेला अधिकारी दीपक रावत सीसीआर में मौजूद नहीं थे तो उनकी अनुपस्थिति में अपर मेला अधिकारी डाॅ अंशुल सिंह संतों को मनाने के लिए पहुंचे। जूना अखाड़ा के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी, अखाड़ा के मेला सचिव श्रीमहंत महेश पुरी ने कहा कि कुंभ मेला पर्व का आगाज हो चुका हैं। जनवरी महीना आधा निकल चुका है, लेकिन अभी तक अखाड़ों को न तो कोई गंगा घाट आवंटित किया है और न ही छावनी निर्माण के लिए भूमि का आवंटन किया गया है। ऐसे में अखाड़ा के संतों के सामने ईष्टदेव की पूजा करने और व्यवस्था जुटाने का समय कम होगा। अपर मेला अधिकारी डाॅ अंशुल सिंह ने संतों को उनकी मांगे शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। हालांकि संत व्यवस्था शुरू न होने तक धरना प्रदर्शन की चेतावनी देते रहे, लेकिन अपर मेलाधिकारी के आश्वासन और मान मनौव्वल पर मान गए।

सीसीआर परिसर में जूना अखाड़ा के आक्रोशित संतों से बात करते हुए अपर मेलाधिकारी डाॅ अंशुल सिंह एवं अन्य अधिकारी

जूना अखाड़ा के मेला सचिव श्रीमहंत महेश पुरी ने बताया कि कुंभ पर्व शुरू हो चुका है, लेकिन व्यवस्था न होने से शासन की मंसा स्पष्ट नहीं दिख रही कि कुंभ होगा या नहीं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही व्यवस्था शुरू नहीं हुई तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे।



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