हरिद्वार के बच्चों का स्वागत करने को स्कूल तैयार और अभिभावकों का इंकार




नवीन चौहान
सात महीने के बाद खुल रहे स्कूलों में प्रबंधन की ओर से बच्चों का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत सेनेटाइज सिस्टम अपग्रेड कर दिया गया है। कक्षाओं में पढ़ाई के लिए दो गज की दूरी पर डेस्क लगा दी गई है। लेकिन सबसे अहम बात है कि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नही है। करीब 20 प्रतिशत अभिभावकों ने ही बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दी है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
22 मार्च 2020 को कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के चलते देशभर के तमाम स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए थे। नया सत्र भी समय पर शुरू नहीं हो सका। बाद में अप्रैल महीने से सत्र शुरू कर दिया गया, लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी। स्कूलों में मई महीने से आॅनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई। अन्य प्रदेशों में​ सितंबर महीने से स्कूल खोल दिए गए, लेकिन उत्तराखंड में दो नवंबर से स्कूल खोलने के आदेश दिए। दो नवंबर से भी केवल 10वीं व 12वीं की पढ़ाई शुरू करने के आदेश दिए। स्कूल खोलने से पूर्व स्कूलों में पांच दिन तक सैनिटाइज के साथ साफ सफाई का काम कराया गया। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा आनंद भारद्वाज ने बताया कि स्कूलों में निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लेना शुरू कर दिया है। लेकिन अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। उनकी आशंका है कि स्कूलों में सभी कौनों से बच्चे आएंगे। उनके अभिभावक भी अनेकों क्षेत्रों में काम करते है। जब बच्चे स्कूल आएंगे तो एक ही वाहन में आएंगे। एक ही टोंटी, टॉयलेट और अन्य सामान का प्रयोग करेंगे, ऐसे में किसी से भी कोरोना फेल सकता है। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे में बच्चों को कोरोना हो गया तो वे भी सुरक्षित नहीं है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा आनंद भारद्वाज की माने तो बच्चों को स्कूल भेजने की बाध्यता नहीं हैं, अभिभावक स्वेच्छा से बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं। साथ ही स्कूल प्रबंधकों को भी आदेश जारी किए है कि बच्चों को स्कूल आने के लिए दवाब नहीं देंगे।


प्रधानाचार्य बोले कि तैयार हैं स्कूल
डीएवी स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल ने बताया कि स्कूल में दो गज की दूरी पर बैठाने के लिए डेस्क लगा दी गई हैं। एक कक्षा में 20 या 25 छात्र—छात्राओं को बैठाने के लिए व्यवस्था की गई है।
डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डा अनुपम जग्गा ने बताया कि 10वीं और 12वीं में पढ़ाई शुरू कराने के लिए साफ सफाई के साथ सैनिटाइज करा दिया गया है। स्कूल में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइज कराने के लिए मशीन लगा दी गई है। बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करने और मास्क पहनने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।



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