श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक पाने वाले को’’श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’’





नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने छात्र—छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ’श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’ परंपरा की शुरूआत करने की तैयारी शुरू कर दी है। स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले छात्र—छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया जायेगा।
श्रीदेव सुमन जी की 106वीं जयंती विश्वविद्यालय के मुख्यालय में राज्य सरकार एवं भारत सरकार की ओर से जारी कोविड गाइड लाइन के निर्देशों का पालन करते हुए आयोजित की गई।जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी एंव कर्मचारी उपस्थित रहे। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने श्रीदेव सुमन जी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किये और दीप प्रज्वलित करने के बाद भावभीन श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। समस्त स्टॉफ ने श्रीदेव सुमन जी की मूर्ति पर श्रृद्धा सुमन अर्पित किये।
श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान’’ का आनलाईन आयोजन किया गया। आनलाईन बैठक का शुभांरम्भ करते हुये विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने बताया कि श्रीदेव सुमन जयन्ती को वृहद स्तर पर मनाने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। वर्तमान पस्थितियों के दृष्टिगत कार्यक्रम का आनलाईन आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन जयन्ती प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में मनायी जायेगी। कुलपति डॉ ध्यानी ने विश्वविद्यालय द्वारा श्रीदेव सुमन जी के नाम पर किये जा रहे कार्यो, यथा, श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान का अयोजन, किया जाना, उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करना, और उनकी जन्म स्थली ’’जौल गांव’’ को स्मार्ट गांव बनाना, आदि के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को ’’श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’’ से सम्मानित किया जायेगा।
डॉ ध्यानी ने कहा कि श्रीदेव सुमन जी का व्यक्तित्व व कृतित्व युगों युगों तक पीढीयों को प्रेरित और गौरवान्वित करता रहेगा। साथ ही साथ, उन्होने श्रीदेव सुमन की जन्मस्थली जौल गांव के समग्र विकास हेतु राज्य सरकार से अपेक्षा भी की। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है तथा समय समय पर महान क्रान्तिकारियों ने इस धरती पर जन्म लेकर पर्वतीय क्षेत्र की गरिमा को बढाया है।
’प्रथम श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान’’ के मुख्य वक्ता डॉ मुनि राम सकलानी ने श्रीदेव सुमन जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये उनकी सामाजिक व राजनैतिक जीवन के इतिहास से प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया, उन्होने बताया कि साधारण परिवार में जन्म लेते हुये श्रीदेव सुमन द्वारा अनेको आभावों के बावजूद शिखर की प्राप्ति की गयी तथा जनता को उनके अधिकार दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्होने यह भी अवगत कराया कि श्रीदेव सुमन जी ने देश प्रेम एवं धर्म रक्षक की एक मिशाल भी पेश की गयी, डॉ सकलानी ने बताया कि श्रीदेव सुमन जी के स्वाभिमान व परोपकार से ही टिहरी क्षेत्र को आजादी मिली। उन्होने कहा कि श्रीदेव सुमन एक क्रान्तिकारी ही नही अपितु एक परोपकारी इंसान भी थे। सभी वर्णो के व्यक्तियों को साथ लेकर चलने की उनमें महान कला और अद्भूत क्षमता थी। डॉ सकलानी ने अपने व्याख्यान में श्रीदेव सुमन के व्यक्तित्व व कृतित्व से जुडे़ सभी आयामों से (यथा, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में, एक साहित्यकार के रूप में, एक पत्रकार के रूप में, एक शिक्षक के रूप में और एक समाजसेवी के रूप में) प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होने श्रीदेव सुमन जी के जीवन से निरन्तर प्रेरणा लेने की बात भी कही।
व्याख्यान के विशिष्ट अतिथि कवि सोमवारी लाल सकलानी द्वारा कविता पाठ कर श्रीदेव सुमन जी को हार्दिक श्रद्वांजजी अर्पित की गयी। इस पुनीत अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा जौल गांव के अनिल बडोनी, अनुपम बडोनी ने भी अपने विचार साझा किये। आयोजन के इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो एमएस रावत, उपकुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ बीएल आर्य, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, कुलदीप सिंह नेगी, राहुल सजवाण, अर्जुन एवं चम्बा, टिहरी और बादशाहीथौल के गण-मान्य व्यक्ति आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया और अतिथियों का आभार कुलसचिव प्रो एमएस रावत द्वारा किया गया।



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