गांधी जयन्ती पर स्वच्छ हरिद्वार बनाने की मुहिम का संकल्प




सोनी चौहान
एसएमजेएन पी.जी. काॅलेज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जयन्ती व लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर ‘गांधी जी से युवा क्या सीखें’ विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। छात्र-छात्राओं ने माँ सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की तथा दोनों महापुरूषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया गया।
इससे पूर्व महाविद्यालय में छात्राओं हेतु सैनेटरी वैडिंग मशीन महन्त ललिता गिरि महाराज, भारत माता मन्दिर, हरिद्वार के सौजन्य से महाविद्यालय के छात्रा विश्राम कक्ष में तथा नवीन छात्र प्रसाधन कक्ष की साज-सज्जा हेतु काॅलेज के पूर्व छात्र एवं पार्षद सुनील अग्रवाल ‘गुडडू’ के सहयोग से निर्मित, का लोकार्पण भी किया गया।


काॅलेज प्रबन्ध् समिति के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने अपने बधाई संन्देश में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे, उनकी प्रांसगिकता पर प्रश्न उठाना ही अनुचित है, यह ऐसा होगा कि जैसे कोई व्यक्ति अपने माता-पिता की प्रांसगिकता पर प्रश्न उठाये। उन्होंने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं से गांधी जी के सपनों का भारत बनाने का आह्वान भी किया।
मुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार अनन्त मित्तल ने दोनों महान विभूतियों के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचारों से आज की युवा पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है। गाँधी जी की स्पष्टवादिता पर चर्चा करते हुए मुख्य वक्ता श्री मित्तल ने कहा कि कानूनी शिक्षा के साथ-साथ गांधी जी ने स्वच्छता अभियान पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सफाई पुरूषार्थ की प्रथम कुंजी है। जलियावाला बाग हो, या लाठी चार्ज हो, इतना सबकुछ होने पर भी सम्पूर्ण देश उनके साथ हो गया। उन्होंने कहा कि गांधी जी का प्रमुख उद्देश्य था कि अहिंसा के मार्ग का अनुसरण कर अंग्रेजों से अपने देश को आजाद कराना। गांधी जी के सत्य के महत्व पर विचार प्रस्तुत करते हुए श्री मित्तल ने छात्र छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि हम पर और आने वाली पीढ़ी पर गांधी जी का बहुत बड़ा कर्जा है।


काॅलेज प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सर्वप्रथम 1915 में तीर्थनगरी हरिद्वार से ही स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने प्रेरणा दी थी कि जब स्वतंत्रता और अखण्डता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है। हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के प्रति दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है। डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं को स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाते हुए हरिद्वार को स्वच्छ बनाने की अपील करते हुए कहा कि यह अभियान जनजागृति के बिना अपूर्ण रहेगा।


डाॅ.सरस्वती पाठक व मुख्य छात्र कल्याण अधिष्ठाता डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने संयुक्त रुप से अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर काॅलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये जिसमें माँ सरस्वती वन्दना, कुणाल धवन व हेमन्त कुमार द्वारा वैष्णव जन, अन्नया भटनागर द्वारा ‘साबरमती के संत तूने’ आदि भाव-विभोर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर  डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. सुषमा नयाल, विनय थपलियाल, वैभव बत्रा, डाॅ. विनिता चौहान, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. कुसुम नेगी, श्रीमती स्वाति चोपड़ा, श्रीमती पुनीता शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरयिाल, डाॅ. पदमावती तनेजा, कु. नेहा गुप्ता, कु. नेहा सिद्दकी, रचना राणा आलोक कुमार, मोनू कुमार, सुशील कुमार, सहित काॅलेज के छात्र-छात्रा शुभांगी कंधेला नम्रता, इशिका, कमल भदौरिया, आदर्श कश्यप, विनय कुमार, मिली तिवारी, सुषमा मीणा, परनीत, सोनिका, साईबा, गौरव कुमार, हेमन्त कुमार, फरमान आदि सैकड़ों छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।



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