शिक्षण कार्य में शिक्षकों को और अधिक डिवोशन के साथ करना होगा कामः प्रोफेसर पंजाब सिंह




नवीन चौहान.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज रानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय झांसी के चांसलर प्रोफेसर पंजाब सिंह ने कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षण की नई तकनीकों का प्रयोग कर और अधिक डिवोशन के साथ शिक्षकों को कार्य करना होगा। यदि विश्वविद्यालयों शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ती है तो निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की भी गरिमा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की पहचान विश्वविद्यालय की इमारतों से नहीं होती। किसी अच्छे विश्वविद्यालय के लिए वहां का शिक्षण शोध और प्रसार का कार्य अच्छा होना चाहिए तभी विश्वविद्यालय की पहचान बनती है।

डॉ. पंजाब सिंह ने कहा विश्वव्यापी स्तर पर जारी वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास का प्रभाव प्राया जीवन से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र में देखा जा सकता है। कृषि क्षेत्र भी इस प्रगति से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा की हाल ही के समय में कृषि से संबंधित उभरती नई तकनीकों का इस क्रम में खासतौर से उल्लेख किया जा सकता है कि यह नई तकनीक यहां कृषि इंजीनियरिंग सूचना प्रौद्योगिकी जैव प्रौद्योगिकी प्रसंस्करण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी आदि पर आधारित है। इनका प्रयोग तमाम विकसित देशों के किसानों द्वारा किया जा रहा है। इनकी मदद से कृषि उत्पादन में नियंत्रण बढ़ोतरी के साथ कृषक आमदनी में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।

डॉ. पंजाब सिंह ने कहा कृषि को दूसरी तरह से अब देखने की जरूरत है। अब फसल उत्पादन की जितनी से जितनी लागत को कम किया जा सके उतना ही अच्छा होगा। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। आजकल इको फ्रेंडली न्यूट्रिशन सॉइल पॉल्यूशन तथा पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले कृषि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने मृदा जल बायोडायवर्सिटी प्रदूषण आदि की हमारे देश के सामने चुनौती है। आज हमें जल संरक्षण तथा मृदा को बचाने के लिए कार्य करना होगा। विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक प्रोजेक्ट लाने होंगे। अच्छे शिक्षण एवं शोध का कार्य करके विश्वविद्यालय की सार्थकता साबित करनी होगी। आजकल मल्टी इंस्टीट्यूशनल प्रोजेक्टर के साथ साथ मल्टी कंट्री प्रोजेक्टर को लाना होगा तथा शिक्षकों को डेडीकेशन के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि वह शिक्षण के साथ-साथ अच्छे शोध कार्य करें जिससे विश्वविद्यालय का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सके।

कुलपति डॉ. केके सिंह ने विश्वविद्यालय के बारे में तथा शिक्षण शोध एवं प्रसार के बारे में जानकारी दी। कुलपति डॉक्टर केके सिंह ने पिछले कुछ समय में विश्वविद्यालय द्वारा किसान हित में तथा शिक्षण हित में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। कुलपति डॉ. केके सिंह ने डॉ. पंजाब सिंह को कृषि महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी महाविद्यालय, विश्वविद्यालय पुस्तकालय, जैव नियंत्रण प्रयोगशाला आदि का भ्रमण कराया और वहां पर चल रहे शोध कार्यों को दिखाया। डॉ पंजाब सिंह ने उनकी सराहना की।

कुलपति कॉन्फ्रेंस हॉल में कुलसचिव डॉ. बीआर सिंह, डॉ. अनिल सिरोही, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. आरएस सेंगर, डॉ. रविंद्र कुमारख् डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. पुष्पेंद्र ढाका, डॉ. लोकेश गंगवार, डॉ. कमल खिलाड़ी, डॉ. सत्य प्रकाश, डॉ. पूरन चंद, डॉ. गजे सिंह, डॉ. राजीव सिंह आदि मौजूद रहे।



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