उत्तराखंड को कर्जदार बनाने में नौकरशाह से लेकर अधिकारी, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान। आर्थिक विस्फोट के मुहाने पर खडे़ उत्तराखंड राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है। प्रदेश पूरी तरह के कर्ज और ब्याज के बोझ के तले दबा हैं। राज्य को इस स्थिति तक पहुंचाने के लिये पूर्व की सरकारों के निर्णय और सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार भी कम जिम्मेदार नहीं है। उत्तराखंड के गरीबों और बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने के लिये आई योजनाओं के धन की पूरी बंदरबांट की गई। इन योजनाओं का लाभ अरबपतियों और करोड़पतियों को दिया गया। ऐसे ही एक घोटाले की फाइल आज भी सरकारी विभागों में धूंल फांक रही है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत गरीब और बेरोजगारों के लिये आई सब्सिडी का ऋण अरबपतियों और करोड़पतियों को दिया गया। जब समाजसेवी संगठनों ने इस घोटाले से परदा उठाया तो मामलों को दबाने का प्रयास किया गया। जिसके बाद समाजसेवी ने एक बार फिर नये सिरे से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस प्रकरण पर उत्तराखंड के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से आख्या मांगी है। इस आख्या के बाद ऐसे सभी लोगों की मुसीबते बढ़नी तय मानी जा रही है।


साल 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद प्रदेश सरकार ने पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित करने और युवाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम से महत्वपूर्ण योजना शुरू की। इस योजना के तहत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को रोजगार देने के लिये सरकार ने 25 फीसदी सब्सिडी पर लोन देने की सुविधा रखी। जिसके तहत होटल, फास्ट फूड, टैक्सी वाहन और योगा व ध्यान सेंटर खोले जाने थे। ऋण के लिये आवेदन करने वाले बेरोजगारों को पर्यटन विभाग के माध्यम से आवेदन करना था। अपनी आमदनी का शपथ पत्र घोषित करना था। जिसके बाद प्रदेश में तमाम अरबपतियों और करोड़पतियों ने खुद को गरीब और बेरोजगार बताते हुये आवेदन किया। तत्कालीन अधिकारियों ने आंख बंद करके सभी के लोन मंजूर कर दिये। समाजसेवियों ने सूचना के अधिकार में जब लोन लेने वाले लोगों के नामों की सूची मांगी तो घोटालों का पर्दाफाश हुआ। वर्तमान में रूड़की विधायक प्रदीप बतरा की धर्मपत्नी मनीषा बतरा के नाम पर फास्ट फूड सेंटर खोलने के लिये लोन मंजूर हुआ। इसके अलावा हरिद्वार के कई करोड़पतियों और लखपतियों के नाम सूची में पाये गये। जिसके बाद इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी। शिकायतकर्ता भूपतवाला निवासी सतीश चंद्र शर्मा ने वर्तमान सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना की सब्सिडी डकारने की शिकायत की गई। पर्यटन मंत्री के आदेश के बाद पर्यटन विकास परिषद के अधिकारी अमित सिंह नेगी सभी 13 जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। इसके अलावा शिकायतकर्ता सतीश चंद्र शर्मा ने पीएम मोदी को भी कार्रवाई कराने के लिये पत्र भेजा है।



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