लखनऊ: भारतीय टीम ने दूसरी बार जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप का खिताब जीता। खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने बेल्जियम को 2-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया। लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में यह मुकाबला खेला गया। भारत ने 15 साल बाद एक बार फिर यह जीता है। इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर जूनियर वर्ल्ड कप जीता था।
वर्ल्ड कप पर कब्जा करने के बाद भारतीय टीम के कप्तान हरजीत के चेहरे पर जहां जीत की खुशी थी, वहीं आंखों में आंसू भी थे। उन्होंने सबसे पहले स्टेडियम में मौजूद फैंस और लखनऊ का शुक्रिया अदा किया। हरजीत ने कहा कि वो अपनी पूरी जिंदगी में जीत का लम्हा कभी नहीं भुला पाएंगे। टीम के हर खिलाड़ी ने इस टूर्नामेंट को जीतने के लिए काफी मेहनत की थी और फाइनल तक जीत का जज्बा बरकरार रहा। इस जीत के पीछे कोच हरेंद्र सिंह की भी बड़ी भूमिका है। उनके बिना यह लम्हा शायद टीम को नसीब नहीं होता।
हॉकी के लिए बहुत बड़ा दिन: सिमरनजीत
वहीं, मैच में दूसरा और अहम गोल दागकर जीत को टीम की झोली में डालने वाले सिमरनजीत ने कहा कि आज का यह दिन भारतीय हॉकी के लिए बहुत बड़ा दिन है। टीम का सपना पूरा हुआ है। मैं इतना खुश हूं कि इसे बयां कर पाना मुश्किल है। फाइनल मैच देखने के लिए मेरा पूरा परिवार यहां आया था। सब इस जीत का जश्न मना रहे हैं। इस जीत के बाद लग रहा है कि भारतीय हॉकी सही दिशा में जा रही है।
जबरदस्त रहा मुकाबला
रविवार को जब भारत और बेल्जियम की टीमें आमने-सामने हुईं तो जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिला। हालांकि इस मैच में शुरू से ही भारतीय टीम हावी रही। गौरतलब है कि जहां 15 साल बाद इस खिताबी मुकाबले में भारत ने जीत दर्ज की वहीं, बेल्जियम की यह पहली कोशिश थी।