देहरादून. विधानसभा चुनाव से पहले दल बदलने वाले नेताओं को भाजपा खूब फली। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 13 नेताओं में से 11 जीते। जबकि, भाजपा छोड़ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े नेताओं की नैया डूब गई। इस बार चुनाव में दलबदल भी एक बड़ा मुद्दा रहा। मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने यहां तक कहा कि बागियों के जीतने का मतलब उत्तराखंड की हार होगी। पर मतदाताओं ने वोट से मंशा जाहिर कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी में कांग्रेस के तमाम दिग्गज तिनकों की तरह उड़ गए। दो-दो सीट से चुनाव लड़े मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां दोनों सीटों पर हारे। वहीं रावत कैबिनेट के सात मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा सके।वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष के साथ ही रावत कैबिनेट के सात मंत्रियों की भी नैया भी मोदी की सुनामी में डूब गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि चुनाव नतीजों में भाजपा को भी तगड़ा झटका लगा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए तीन बार के विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल के नसीब में हार आई। सीटों से चुनाव लड़े मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मोदी की आंधी में नहीं बच पाए।