एचआरडीए के खौफ में भागीरथी विहार कॉलोनी, स्वामी यतीश्वरानंद का साथ तो सांसद निशंक से नाराज





काजल राजपूत
भागीरथी विहार कॉलोनीवासियों की समस्या में जहां जनता को पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का साथ मिला है तो हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के प्रति जनता में नाराजगी देखने को मिली। सांसद ने अपनी जनता की समस्या को जानने और समझने के लिए वक्त नही दिया। जबकि स्वामी यतीश्वरानंद ने जनता की हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया। प्राधिकरण के अधिकारियों को फोन किया और जनता के प्रति संवेदनशीलता रखने का अनुरोध दिया। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया है कि उनके मकानों पर कोई खतरा नही है। एचआरडीए की ओर से की जा रही कार्रवाई को नियमानुसार विधिक राय लेकर ठीक करायेंगे। जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होने दी जायेगी।नूरपुर पंजनहेड़ी के ग्राम प्रधान प्रदीप चौहान ने स्वामी यतीश्वरानंद से मुलाकात की और कॉलोनीवासियों को एचआरडीए की ओर हो रही तमाम समस्याओं से अवगत कराया था। उन्होंने समस्त भागीरथी विहार कॉलोनी के लोगों को मैसेज भेजकर बताया कि जिस मकान में परिवार रह रहा है, उस मकान को प्राधिकरण की ओर से ध्वस्त नहीं किया जा रहा है। इसीलिए आप लोग बिल्कुल भी ना घबराए। इसके अलावा प्रदीप चौहान ने प्राधिकरण के अधिकारियों से बातचीत की जानकारी लोगों को देकर उनका डर दूर करने का प्रयास किया। बताया कि लैंड यूज चेंज करने का कार्य गतिमान है। आप लोग बिल्कुल भी भ्रमित ना हो और ना ही डरे।एचआरडी की तरफ से भी आश्वासन दिया गया है कि जनता को किसी प्रकार की परेशानी नही होगी। वही स्वामी यतीश्वरानंद ने भी जनता का हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है।

जनता के खौफ का कारण
​जनता ने अपना घर बनाने के लिए ग्राम नूरपुर पंजनहेड़ी की कॉलोनियों में जमीन खरीद की। अपनी जमा पूंजी और बैंक से ऋण लेकर मकान बना लिया। करीब सात आठ सालों से सैकड़ों परिवार यहां निवास कर रहे है। सरकार की ओर से सड़क,बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था है। लेकिन एकाएक एचआरडीए की टीम ने कुछ मकानों को नोटिस थमा दिया। नोटिस में मकान को अवैध बताया गया। तथा भूमि के लैंड यूज का परिवर्तन नही होना बताया गया। जिसके बाद कॉलोनी के लोगों ने एचआरडीए से जानकारी की। लोगों को पता चला कि उक्त नोटिस हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका के कारण दिया गया है।
भवन का मानचित्र स्वीकृत करने का नियम
कॉलोनी के लोगों को अपनी भूमि का मानचित स्वीकृत कराना है। इसके लिए सबसे पहले कृषि भूमि को अकृषित कराने के लिए उसका भूपरिर्वतन करना है। एक हेक्टेयर तक की भूमि का भूपरिवर्तन करने का अधिकार एचआरडीए को है। इसके लिए कॉलोनी के लोग एक हेक्टेयर भूमि का नक्शा बनाकर भूपरिवर्तन करने के लिए एचआरडीए में दाखिल करेंगे। जिसके बाद बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जायेगा। प्रस्ताव पास होने के बाद भूपरिवर्तन होगा और मानचित्र स्वीकृत होगा।
जनता का सामूहिक प्रयास
मानचित्र की स्वीकृति के लिए कॉलोनी के लोगों को सामूहिक प्रयास करना होगा। एचआरडीए से बिना घबराए प्राधिकरण से पूरी जानकारी हासिल करे। सचिव उत्तम सिंह चौहान से मुलाकात करे। सरकार और प्राधिकरण जनता की सेवा करने के लिए होता है। संगठन में शक्ति होती है। जनता की एकजुटता ही उनकी समस्या का समाधान करेंगी।



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