नवीन चौहान
उत्तराखंड सफाई कर्मचारियों के अलग-अलग संगठनों ने एक मंच पर आकर एक संयुक्त मोर्चे का गठन किया है। ये मोर्चा सफाई कर्मचारियों के हक की लड़ाई को पुरजोर तरीके से उठायेगा। लंबे अरसे से अपने हक से वंचित चल रहे सफाई मजदूरों के हितों की रक्षा करने के लिए र्मोचे के पदाधिकारी संघर्ष करेंगे। इसी के चलते के सह संयोजक सुरेंद्र तेश्वर ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न सरकारों ने इस वर्ग के साथ छल किया है। लेकिन अब सफाई मजदूर किसी बहकावे में आने वाला नहीं है। सफाई मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए वृहद आंदोलन का आगाज कर दिया गया है। सफाई मजदूरी की समस्याओं की बावत एक ज्ञापन 6 फरवरी को देहरादून में दिया जायेगा। अगर इसके बाद भी समस्याओं का निवारण नहीं हुआ तो सफाई मजदूर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगे।
प्रेस क्लब हरिद्वार में उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संयुक्त मोर्च के सह संयोजक संतोष गौरव ने कहा कि प्रदेश के सभी सफाई मजदूरों को उनका हक दिलाने की खातिर एक तीनों संगठनों ने मिलकर एक र्मोचे का गठन किया है। ये मोर्चा सफाई मजदूरों के हितों की लड़ाई को आगे बढ़ायेगा तथा राज्य सरकार की आंखे खोलने का कार्य करेंगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने सफाई मजदूरों के साथ धोखा किया है। नगर निगमों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती बंद कर दी गई है। ठेके के कर्मचारियों को महज छह हजार वेतन पर कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 22 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सरकार को दिया जायेगा। ज्ञापन में अपनी समस्त मांगों को लिखा गया है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज उसी सरकार के पक्ष में खड़ा होगा जो उनके हितों की रक्षा करेंगा। प्रेस वार्ता के दौरान सुरेंद्र तेश्वर, संतोष गौरव, सुनील राजौर, राजेंद्र श्रमिक, अशोक तेश्वर, नरेश चनयाला, आनंद कांगड़ा, जितेंद्र तेश्वर, जुगनू कांगड़ा, सलेख चंद्र, सुरेश तेश्वर और घनश्याम पेवल आदि मौजूद रहे।