हरिद्वार में चालान तक सीमित रह गई सीपीयू , देंखे वीडियो




गगन नामदेव
हरिद्वार में सीपीयू चालान काटने तक सीमित रह गई है। बिना हेलमेट और यातायात कानून का उल्लघंन करने वाले दो पहिया वाहनों को रोककर चालान काटना ही मकसद रह गया है। इसके अलावा सीपीयू के खाते में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। सीपीयू के हत्थे कभी कोई संदिग्ध नही लग पाया। सीपीयू ने कभी कोई बदमाश नही पकड़ा। हां कभी—कभी पव्वे पकड़ने का कारनामा जरूर किया। हालांकि यह काम तो थानों की पुलिस भी बेहतर कर रही है।
सीपीयू का गठन जनता को यातायात कानून के प्रति सजग करने के लिए किया गया था। सीपीयू की वर्दी भी अलग डिजायन की दी गई। जिससे जनता में यातायात कानून के प्रति गंभीरता बढ़े। इसके अलावा सड़क पर पुलिस के होने का एहसास हो। अपराधी तत्वों में खौफ पैदा हो। लेकिन अगर सीपीयू की कार्यशैली की बात करें तो वह किसी भी बिना हेलमेट बाइक सवार को रोकती है। उसका वीडियो बनाती है। उसका चालान भरती है। जिसके बाद सीपीयू अपने लक्ष्य की पूर्ति करने निकल जाती है। सीपीयू ने कभी जनता को जागरूक करने की दिशा में कोई सार्थक पहल शुरू नहीं की। जनता से मित्रतापूर्ण संबंध स्थापित नहीं किए। अपने मुखबिर तंत्र को भी मजबूत नहीं किया। चालान किया और आराम की नौकरी करके निकल गए।
जिसके चलते जनता के दिल में भी सीपीयू के प्रति सम्मान कम हुआ। सीपीयू अगर अपनी कार्यशैली में परिवर्तन करते हुए जनता को जागरूकता करने की दिशा में पहल करते हुए आगे बढ़ती तो शायद राजस्व की कटौती तो जरूर होती। लेकिन सीपीयू के प्रति एक सम्मान की भावना जरूर बढ़ती। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी देखने को मिलती।

 



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