हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत ने अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई करते हुये नेशनल हाईवे निर्माण करने वाली एरा कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा चोरी से अवैध खनन का माल लेने वाले स्ट्रोन क्रेशर को भी सीज करने के आदेश डीएम ने दिये हैं। डीएम ने मौके पर निरीक्षण करते हुये दो पोर्कलैंड मशीनों को सीज करा दिया है। एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
गुरुवार की शाम सात बजे जिलाधिकारी दीपक रावत गंगा से अवैध खनन करने की सूचना पर अचानक पंतद्वीप पार्किंग से आगे गंगा पर पहुंच गये। डीएम के वहां पहुंचते ही हड़कंप मच गया। डीएम ने नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाले कंपनी के मौके पर मिले कर्मचारियों से अवैध खनन के संबंध में पूछताछ करनी शुरू कर दी। सड़क के गडढ़ों से निकाले जाने वाले माल की परमिशन की प्रति मंगाई गई। सिंचाई विभाग यूपी और उत्तराखंड के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया। गडढ़ों की आढ़ में गंगा से अवैध करने के संबंध में कोई भी अधिकारी व हाईवे निर्माण करने वाले मौजूद कर्मचारी जिलाधिकारी को संतुष्टिपूर्ण जबाव नहीं दे पाये।
गंगा से अवैध खनन किये जाने की बात पुष्ट होने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश मौके पर ही दे दिये। जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि अभी तक जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार करीब 145 ट्रक माल निकाला गया है।
एरा कंपनी के कर्मचारियों ने गंगा नदी में पोर्कलैंड मशीन लगाकर अवैध खनन किया गया है। अवैध खनन का माल जिस स्ट्रोन क्रेशर ने लिया है उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। डीएम का कहना है कि ऐसे स्ट्रोन क्रेशर को जांच के बाद सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। डीएम की इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में भी हड़कंप मचा है। छापेमारी के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह, संबंधित विभाग के अधिकारी व रोड़ीबेलवाल चौकी प्रभारी कुलेंद्र रावत मौके पर मौजूद रहे।