प्रेस क्लब अध्यक्ष की मुसीबत बन गया मदद करना, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। प्रेस क्लब अध्यक्ष मनोज सैनी को क्लब के एक सदस्य राम नरेश यादव को कैंटीन देना और बेटे की बीमारी के दौरान 25 हजार की मदद करना गले की फांस बन गया है। जब अध्यक्ष ने 25 हजार की रकम वापिस लौटाने की मांग की तो उक्त सदस्य ने अध्यक्ष पर कई संगीन आरोप लगा दिये। इसके अलावा आरोपों से संबंधित पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिये। जिसके बाद प्रकरण गरमा गया। प्रेस क्लब की ओर से पूरा मामला अनुशासन समिति के पास पहुंच गया है। अनुशासन समिति जल्द ही इस प्रकरण का पटाक्षेप करने के लिये सदस्य रामनरेश यादव को बुलाकर सच्चाई का पता लगाकर निर्णय करेंगी।
पत्रकारों की प्रतिष्ठित संस्था हरिद्वार प्रेस क्लब में वर्तमान अध्यक्ष पद पर मनोज सैनी व महामंत्री अमित गुप्ता और कार्यकारिणी है। अध्यक्ष मनोज सैनी और कार्यकारिणी के सदस्यों ने पत्रकारों के जलपान के लिये क्लब परिसर में एक कैंटीन चलाने पर सहमति बनीं। कार्यकारिणी ने कैंटीन संचालित करने की जिम्मेदारी एक पत्रकार साथी रामनरेश यादव के अनुरोध पर उसी को देने का निर्णय लिया। जिसके बाद रामनरेश यादव ने कैंटीन का संचालन शुरू कर दिया। लेकिन कैंटीन में जलपान के खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की शिकायत पत्रकारों ने अध्यक्ष मनोज सैनी और महामंत्री अमित गुप्ता से करनी शुरू कर दी। इसी दौरान कैंटीन संचालक रामनरेश यादव का बेटा गंभीर रूप से बीमार हो गया। रामनरेश ने अध्यक्ष मनोज सैनी से 25 हजार की मदद की गुहार लगाई। अध्यक्ष मनोज सैनी ने बताया कि पत्रकार साथी रामनरेश यादव के बेटे के अस्पताल में भर्ती होने के चलते अपने घर से मंगाकर तत्काल 25 हजार की मदद की गई और अस्पताल प्रबंधन से भी बिल में छूट करने का अनुरोध किया गया। लेकिन कुछ माह बीतने के बाद जब रामनरेश यादव से अपने 25 हजार की रकम वापिस करने की बात की तो उसने आरोप लगाने शुरू कर दिये। जब इस संबंध में रामनरेश यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रेस क्लब पर जलपान की 20 हजार की रकम बकाया है। जब आम सभा में बात रखने की कोशिश की गई तो बोलने की अनुमति नहीं दी गई। जिसके चलते अपनी बात पत्रकार सदस्यों तक नहीं पहुंचाई जा सकी। उन्होंने कहा कि क्लब को गुंडागर्दी से चलाने नहीं दिया जायेगा। इसके बाद फोन काट दिया। उन्होंने मदद की 25 हजार की रकम के संबंध में कुछ भी नहीं बताया। हालांकि कई बार फोन करने के बाद भी रामनरेश यादव ने फोन नहीं उठाया। ऐसे में सवाल उठता है कि पत्रकारों के हितो के लिये कैंटीन चलाने का प्रेस क्लब अध्यक्ष व कार्यकारिणी का निर्णय एक विवाद के रूप में सामने आया है।



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