भूखे पेट काम कर रहे कर्मचारी, मार्च महीने से नहीं मिला वेतन




— वेतन न मिलने से कैसे चलाएं घर और आजीविका
— बीएसएनएल में संविदा पर कार्यरत हैं 50 से अधिक है कर्मचारी
— प्रत्येक कर्मचारी को 9200 रुपये मिलता है मानदेय
नवीन चौहान
हरिद्वार। हरिद्वार के बीएसएनएल में संविदा पर तैनात कर्मचारियों को मार्च महीने से वेतन नहीं मिल सका है। कर्मचारी वेतन न मिलने से मानसिक तनाव झेल रहे हैं। उनके घर के हालात इतने बुरे हो गए है कि घर में खाने के भी लाले हो गए है। अधिकारी अभी उनका वेतन दिलाने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। कर्मचारियों को कुल 9200 रुपये मानदेय के रूप में मिलते है।
बीएसएनएल के हरिद्वार कार्यालय से अधिकांश स्थाई कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं। काम चलाने के लिए करीब 50 से अधिक कर्मचारी संविदा पर रखे हुए हैं। इन कर्मचारियों को मार्च महीने से तनख्वाह नहीं दी जा सकी है। इन्हें अगले महीने का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन फिर से अगला महीना शुरू हो जाता है। कर्मचारियों को तनख्वाह न मिलने से उनके घर में रसोई चलाना मुश्किल हो रहा है। यहां तक कि बच्चों की फीस तो जमा ही नहीं कर रहे है। स्कूलों से फीस का दवाब लगातार आ रहा हैं, लेकिन जब तनख्वाह न मिल रही तो कहां से और कैसे फीस जमा कराएं। अब कर्मचारियों ने काम पर आने की चेतावनी दी है। बीएसएनएल के अधिकारी कर्मचारियों को कब तनख्वाह मिलेगी और कैसे उनका घर का काम चले, इस संबंध में बात करने को तैयार नहीं है।
अधिकारी भी चिंतित
बीएसएनएल के सहायक महाप्रबंधक सीताराम ने बताया कि फंड की कमी के चलते हुए वेतन जारी नहीं किया जा सका। अब फंड जारी हुआ तो तकनीकि कार्यों के चलते हुए वेतन जारी नहीं हो सका है। कर्मचारियों को वेतन जारी कराने के लिए उच्च अध्किारियों से पत्राचार किया जा रहा है। वेतन न मिलने से अधिकारी भी चिंतित है।



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