नरेश बंसल: कभी लिफाफे बनाकर तो आतिशबाजी, रंग, राखी बेचकर चलाया था घर का काम, आज पहुंच गए राज्यसभा




नवीन चौहान
जिदंगी संघर्ष का नाम है और इसी संघर्ष में पले बढ़े नरेश बंसल को देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी भाजपा ने राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया हैं। हालांकि वे पिछले दो लोकसभा चुनाव—2014 और 2019 में हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे थे, उन्हें त्रिवेंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष बनाकर दिया। उन्होंने 2012 में राज्य सभा के लिए नामांकन किया था, बाद में नाम वापस ले लिया था। हालांकि वे निष्ठा से काम कर रहे थे, लेकिन सोमवार यानि 26 अक्तूबर को उन्हें भाजपा ने राज्य सभा में पहुंचाने के लिए प्रत्याशी बना दिया। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक कार्यों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए समर्पित किया हुआ है। लेकिन उनका बचपन का जीवन जानकर आप हैरत में पड़ में जाएंगे।
उन्होंने अपने जीवन में किसी काम को छोटा नहीं समझा। आजीविका चलाने के लिए उन्होंने लिफाफे बनाए। होली के त्यौहार पर रंग गुलाल बेचे तो दीपावली पर आतिशबाजी का सामान। रक्षा बंधन आई तो राखी बेचीं। पढ़ाई में निपुण हो गए तो उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर काम चलाया।
सिंचाई विभाग में नौकरी मिल गई तो वह भी संघ के कार्य करते हुए चली गई, हालांकि बाद में बैंक में नौकरी मिल गई, लेकिन जीवन में तो उन्हें समाजसेवा करनी थी।


जानिए नरेश बंसल की पृष्ठभूमि
मूलतया हरियाणा के जींद जिले के ग्राम गांगा टेड़ी पोपड़ा निवासी लाला हुकुम चंद रोजी रोटी के लिए देहरादून आ गए थे। वे मुनीम थे। उनके घर में नरेश बंसल का जन्म 3 फरवरी को देहरादून में हुआ। वेे मात्र 8 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आए और स्वयंसेवक बने। नरेश बंसल की प्राईमरी शिक्षा नगर पालिका के स्कूल में तथा इंटरमीडिएट तक की सामान्य हिंदी माध्यम विद्यालय में हुई। शिक्षा के व्यय को जुटाने के लिए लिफाफे बनाने का काम, त्योहारो पर आतिशबाजी, रंग गुलाल एवं राखी आदि बेचने का कार्य तथा ट्यूशन पढ़ाकर बाकी की शिक्षा पूर्ण की। 14 वर्ष की आयु में उन्होने संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग किया तथा बाद में संघ के तृतीय वर्ष (नागपुर) का शिक्षण लिया तथा डीएवी कालेज देहरादून से एमकॉम तक की शिक्षा प्राप्त की।


आपातकाल में कार्य
1975 आपातकाल में सक्रिय भूमिका, सरकारी नौकरी में रहते हुए, भूमिगत संघ कार्य करना साहित्य का स्टैंसिंल काटना एवं साहित्य का वितरण एवं आपातकाल में संघ का कार्य कैसे बढे इसकी योजना बनाने का कार्य किया। 19 नवम्बर 1975 इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर आपातकाल लगाने के विरूद्ध वाॅल राईटिंग व टाईप कराकर पर्चो एंव साहित्यों का वितरण किया।
संघ द्वारा प्रकाशित पुस्तक (तानाशाही को चुनौती भाग-2) में आपातकाल में किए गए कार्य हेतु नाम प्रकाशित हुआ।
इसलिए  नौकरी गवानी पड़ी।
फरवरी 1977 में सिंचाई विभाग से संघ से संपर्क के कारण सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हो गया। वे जुलाई 1977 में वे नौकरी छोड़कर यूको बैंक में नियुक्त हो गए। जुलाई 1977 से 1980 तक नैनीताल जिले के गदरपुर में बैंक की सेवा के साथ संघ का कार्य किया। जिसमें खण्ड कार्यवाह, सहतहसील कार्यवाह का दायित्व निर्वाहन तथा तत्कालीन जिला प्रचारक अशोक बेरी की प्रेरणा से ग्रामीण क्षेत्रों में किस्तों पर साईकिल लेकर शाखाओं का कार्य एवं विस्तार और शाखा लगाई।
यूको बैंक में रहते हुए भारतीय मजदूर संघ का कार्य किया व उत्तर प्रदेश भारतीय मजदूर संघ का कार्यकारिणी सदस्य का दायित्व। उत्तर प्रदेश के प्रदेश मंत्री का दायित्व का निर्वाह्न किया तथा भारतीय मजदूर संघ के नगर एंव जिला महामंत्री का दायित्व।

अन्य क्षेत्र-
— 1972 से 1977 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कार्य किया।
— इण्टर काॅलेज छात्र संघ महामंत्री 1972 में चुने गए।
— 1980 से 1986 तक हिन्दू जागरण मंच के नगर अध्यक्ष का दायित्व वहन किया।
— प्रतिबन्धित रामनवमी की शोभायात्रा संघर्षों के बाद प्रारम्भ की।
— 1989 में डा हेडगेवार जन्म शताब्दी समिति का नगर महामंत्री का दायित्व।
— 1989 में श्रीराम शिलापूजन समिति का नगर संयोजक का दायित्व।
— 1992 में बावरी ढांचा ध्वस्त होने पर बैंक से अवकाश लेकर भूमिगत होकर संघ कार्य व श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन मे सक्रिय भूमिका।
— 1991 में उत्तरकाशी में भूकम्प राहत कार्य के लिए बनी संघ परिवार की समिति में महामंत्री का दायित्व, बैंक से अवकाश लेकर निर्वाहन किया। वर्ष 2011 तक (20 वर्ष तक) महामंत्री का दायित्व निर्वाहन किया।
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राजनैतिक क्षेत्रः-
नवम्बर 2000 में उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने पर 2001 में समर्पित कार्यकर्ता के रूप में शेष लगभग 14 वर्ष की नौकरी छोड़ बैंक से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में रामलाल एवं शिवप्रकाश की प्रेरणा से सक्रिय राजनीति में प्रवेश।
— अप्रैल 2001 से प्रदेश सहकारिता प्रकोष्ठ का महामंत्री एवं विशेष आमंत्रित सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी भाजपा उत्तराखण्ड।
— 2002 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण चैक विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री श्री नित्यानन्द स्वामी जी के चुनाव संयोजक के रूप में कार्य किया।
— मार्च 2002 में प्रदेश सदस्यता प्रमुख भाजपा उत्तरांचल का दायित्व निर्वाहन किया।
— 4 नवम्बर 2002 से 4 नवम्बर 2009 तक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में 7 वर्ष तक प्रदेश महामंत्री (संगठन) भाजपा उत्तराखण्ड का दायित्व निर्वाहन किया।
— 2009 से 2012 तक तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार में अध्यक्ष आवास एंव विकास परिषद का दायित्व।
— 2009 से 2012 तक भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य।
— 2012 में विधानसभा चुनाव में प्रदेश चुनाव अभियान समिति के सचिव का दायित्व।
— 2012 में केन्द्र के आदेश पर राज्य सभा के लिए नामांकन, बाद में नाम वापस लिया।
— 2014 में लोकसभा चुनाव में केन्द्र के कैम्पेन कमेटी के संयोजक नरेन्द्र मोदी की — 2004, 2009 एंव 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के स्टार प्रचारक की सूची में सम्मिलित व चुनाव में प्रमुख सहभागिता।
— 2012 से 2015 तक प्रदेश महामंत्री भाजपा उत्तराखण्ड का दायित्व निभाया।
— 2015 से वर्तमान तक प्रदेश महामंत्री भाजपा उत्तराखण्ड का दायित्व।
— 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक व प्रदेश कार्यालय प्रभारी के रूप में चुनाव अभियान में महत्वपूर्ण सहभागिता।
— 26 मार्च 2029 में प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली।



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