ias anshul singh का अल्मोड़ा को तोहफा, क्रिकेट खिलाड़ी हुए मुरीद





नवीन चौहान
दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो कोई भी काम मुश्किल नही होता। बस अपनी जिम्मेदारी को समझकर उसको पूर्ण करने की दिशा में बढ़ना होता है। ऐसा ही अनूठा कार्य अल्मो​ड़ा के मुख्य विकास अधिकारी युवा आईएएस अंशुल सिंह ने किया है। उन्होंने उत्तराखंड की क्रिकेट प्रतिभाओं को निखारने और विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा के जौहर दिखलाने के लिए स्थानीय स्टेडियम को बेहतरीन बनाने के साथ ही पिच पर एस्ट्रो मेट तक लगवा दी है। पिच पर एस्ट्रो मेट अर्थात एस्ट्रोटर्फ के बिछ जाने से क्रिकेट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों के सामने अपनी खेल प्रतिभा को दिखाने का पूरा मौका मिलेगा।


अल्मोड़ा के मुख्य विकास अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही आईएएस अंशुल सिंह ने यहां के स्टेडियम का निरीक्षण करने के दौरान यहां की उबड़—खाबड़ और दयनीय हालत को दुरस्त करने मन बनाया। क्रिकेट खिलाड़ियों को रात्रि में खेलने का अवसर मिले तो इसके लिए कृतिम रोशनी की व्यवस्था करने की तैयारी शुरू कर दी। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले स्टेडियम में कृतिम रोशनी की व्यवस्था कराई। समूचा स्टेडियम दूधिया रोशनी से जगमगाने लगा तो क्रिकेट खिलाड़ियों का उत्साह भी बढ़ गया और प्रशासन के प्रति विश्वास की भावना भी प्रबल हो गई।
स्वयं क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी आईएएस अंशुल सिंह ने खिलाड़ियों को ​आधुनिक क्रिकेट की उच्च तकनीक में अभ्यास करने के लिए एस्ट्रो मेट लगाने की तैयारी शुरू कर ​दी।
आखिरकार अंशुल सिंह की मेहनत रंग लाई और खिलाड़ियों का एस्ट्रो टर्फ पर अभ्यास करने का सपना साकार हुआ। अल्मोड़ा क्रिकेट के बच्चों व अन्य खिलाड़ियों और जनता ने अंशुल सिंह के इस प्रयास की सराहना की और तहे दिल से धन्यवाद दिया।
क्रिकेट अभ्यास में एस्ट्रोटर्फ की भूमिका
कृत्रिम टर्फ पर खेलने में सबसे बड़ा अंतर यह है कि गेंद असली घास की तुलना में अधिक उछलती है और तेजी से बल्लेबाज की तरफ जाती है। जिससे इनफिल्डर को सामान्य से अधिक दूर खेलने का मौका मिलता है। ताकि उनके पास प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त समय हो। सबसे बड़ी बात यह ​है कि निश्चितता के साथ बॉल एक सीधी रेखा में जाएगी और दाईं ओर विक्षेपित नहीं होगी या बाएं। “टर्फ” के खेल पर सबसे बड़ा प्रभाव खिलाड़ियों पर पड़ता है। खिलाड़ियों के घुटनों, टखनों, पैरों और पीठ के निचले हिस्से में चोट लगने की संभावना बहुत कम होती है। खिलाड़ियों को खेलने में आनंद आता है।



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