नवीन चौहान
हरिद्वार के भोगपुर व आसपास के इलाकों में जमकर अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी संभालने वाले रक्षकों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। बुग्गियों और ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर खनन सामग्री को ले जाया जा रहा है। खनन माफिया गंगा का सीना छलनी करने के साथ ही उत्तराखंड सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचा रहे है।
हरिद्वार में खनन माफियाओं के हौसले हमेशा से बुलंद रहे है। माफिया अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए हर पैतरा अपनाते है। सबसे पहले वह अवैध खनन की रोकथाम में जुटे अधिकारियों का मुंह बंद करने का प्रयास करते है। अगर ये फार्मूला फिट रहा तो रात उनकी है। इस रातों में वह जमकर सफेद सोना लूटते है। बीते कुछ दिनों भी कुछ खनन रोकने वाले अधिकारियों के मुंह पर ताला जड़ने के बाद जमकर अवैध खनन किया गया। ऐसे में शिकायत आलाधिकारियों तक पहुंचती है कुछ वाहनों को सीज करके कागजी खानापूर्ति करते रहे है। बीते दिनों एक मामलों में हरिद्वार तहसील के एंट्री माइनिंग सेल से जुड़े अधिकारी ने एक ट्रैक्टर ट्राली को खनन सामग्री का बिल होने के बाबजूद सीज करने की धमकी देकर अपनी जेब गरम की। वही कुछ ट्रैक्टर ट्राली को बिना जुर्माने की राशि वसूल किए छोड़ने की बात भी प्रकाश में आई है। ऐसे में खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि खनन माफियाओं की पकड़ कितनी मजबूत है। हालांकि हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदारी के सामने खनन माफियाओं के हौसले दम तोड़ रहे है। लेकिन निचले स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत डीएम सी रविशंकर की मेहनत पर पानी फेर रहे है। जिलाधिकारी सी रविशंकर को अपने ही विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को काबू करना टेड़ी खीर साबित हो रहा है।