haridwar में मुनाफा कमाने के चक्कर में जनता की जिंदगी से खेल रहे गैस एजेंसी संचाल​क




जोगेंद्र मावी
हरिद्वार में मुनाफा कमाने के चक्कर में गैस एजेंसी संचालक​ लोगों की जिंदगी से खेल रहे है। गैस की बड़े स्तर पर कालाबाजारी कर रहे है। गैस की रिफलिंग हो रही है। गैस की घटतोली की जा रही है। जिससे जनता की जिंदगी खतरे के जद में आ गई है। इसी के साथ उपभोक्ताओं को कम गैस मिल रही है। एकाएक घरेलू गैस सिलेंडरों में लगने वाली आग इस बात का प्रमाण है कि गैस सिलेंडरों से छेड़छाड़ की जा रही है।
हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों में घरेलू गैस सिलेंडरों में आग लगने के कई मामले प्रकाश में आए है। हालांकि गैस सिलेंडर डिपो से बेहद ही सुरक्षा के मानकों को पूरा करने एजेंसी तक पहुंचता है। डिपो से सिलेंडर में गैस भी पूरी दी जाती है। तो फिर रास्ते में गैस कम कैसे हो जाती है। इसके पीछे एक बड़ा खेल किया जाता है। जिसमें गैस एजेंसी संचालकों की मिलीभगत होती है। एजेंसी संचालकों के संरक्षण में ही डिलीवरी मैन गैस की रिफलिंग करते है। जिससे उपभोक्ताओं को सिलेंडर में दो से तीन किलो गैस का नुकसान उठाना पड़ता है। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि गैस की कालाबाजारी को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जायेगा। सप्लाई होने वाले गैस सिलेंडरों के वजन की औचक जांच कराई जायेगी। पूर्व में भी कुछ शिकायते मिली है।

जब पार्षद ने खोल दी थी एजेंसी संचालकों की पोल
ज्वालापुर के पार्षद अनुज सिंह ने एक उपभोक्ता की शिकायत पर गैस सिलेंडर का वजन कराया तो घटतौली की पुष्टि हुई थी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने अन्य गैस सिलेंडरों का वजन कराया तो 2 से 4 किलो तक गैस कम निकली। इससे यह भी पुष्टि हो गई थी ​कि एजेंसी से बाहर निकलते ही सिलेंडरों से गैस की रिफलिंग होती है।

एक महीने में तीन मामले आने से खुली पोल
हरिद्वार जनपद में घरेलू गैस सिलेंडरों के व्यवसायिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने के मामले लगातार सामने आते रहे हैं, लेकिन जिन तरह से नवंबर महीने में मंगलौर, भगवानपुर और हरिद्वार के ज्वालापुर में गैस लीकेज जाने से घटना हुई है, उसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *