कुलदीप बालियान ने उत्तराखंड में बसपा को किया मजबूत




नवीन चौहान
उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रहे कुलदीप बालियान ने पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए जमीनी नेताओं को जोड़ने का कार्य किया। जबकि पार्टी से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं को एक बार फिर बसपा में एंट्री कराई। हरिद्वार जनपद की बात करें तो बसपा एक बार फिर जनाधार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसे में कुछ पार्टी से निकाले गए नेता बसपा को कमजोर करने पर तुले है। आपको बता दें उत्तराखंड में बसपा कभी सत्ता की तरफ बढ़ती हुई तीसरी सबसे बड़ी ताकत थी लेकिन किन्ही कारणों से बसपा का ग्राफ बहुत तेजी के साथ नीचे गिरा। बसपा सुप्रीमों ने उत्तराखंड को गंभीरता से लेते हुए वहाँ का संगठन बदला तथा सहारनपुर से मेहनती व युवा नेता कुलदीप बालियान को उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। नवनियुक्त अध्यक्ष ने जोड़ने की राजनीति को बल देते हुए पार्टी से पुराने नेताओं की वापसी करायी।
बताते चलें कि कुलदीप बालियान ने अपने व्यवहार से पार्टी में जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी, किसान आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, पूर्व राज्य मंत्री एसपी बावरा को पार्टी में शामिल कराकर पार्टी को एक मजबूती देने का काम किया। उन्होंने तो पूर्व विधायक शहजाद को भी पार्टी में शामिल करा दिया था लेकिन विरोधियों की चाल कामयाब रही। शहजाद की एक बार फिर पार्टी से विदाई कराई गई। प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलौर चेयरमैन व उनके भाई डॉ शमशाद सहित मुस्लिम समाज के कद्दावर नेता हाजी सरवत करीम अंसारी को भी बसपा में शामिल करा दिया। लक्सर एवं रुड़की से कुछ बड़े नेताओं को भी पार्टी में लाया गया। लेकिन विरोधी दलों के साथ साथ पार्टी के एक खेमा भी बसपा के बढ़ते वजूद से खुश नही था। उत्तराखंड में बसपा की राजनीति का गढ़ हरिद्वार रहा है। बसपा के करीब 7 विधायक विधानसभा तक पहुंचे थे। बसपा में एक ऐसा चेहरा लोकसभा का चुनाव का दावेदार था जो हरिद्वार की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखता है। इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप बालियान के नेतृत्व में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना प्रबल हो गई है। हालांकि कुलदीप बालियान की राह में पार्टी से ही निकाले गए कई चेहरे बड़ा रोड़ा भी बने हुए है। लेकिन कुलदीप बालियान ने इन भीतरघातियों से निबटने की पूरी तैयारी की हुई है। अगर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने प्रदेश अध्यक्ष पर पूरा भरोसा किया तो लोकसभा चुनाव में बसपा का मत प्रतिशत निश्चित तौर पर बढ़ेगा।



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