नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार के एक नियम का सबसे ज्यादा प्रभाव जगजीतपुर क्षेत्र पर पड़ा है। जगजीतपुर में स्कूल जाने वाले सभी बच्चे शराब के बारे में पूरी तरह परिचित हो गये है। शराब के नाम की जानकारी होने का ज्ञान किसी ओर ने नहीं सिखाया ये उत्तराखंड सरकार की देन है। सरकार के ही नियमों के कारण जगजीतपुर में शराब का ठेका स्कूलों के नजदीक और घनी आबादी के बीच है। शराब खरीदने वालों की भीड़ और सड़क पर उल्टा गिरते लोगों पर स्कूलों के बच्चों की नजर पड़ती है। घनी आबादी के बीच मेन सड़क पर शराब का ठेका जनता की परेशानी का सबब भी बन रहा है। ठेके पर शराब लेने वाले ग्राहकों के वाहनों से जाम की समस्या बनीं रहती है और दुर्घटनांए घटित हो रही है। वही ठेके के समीप बने स्कूलों के बच्चों पर भी शराब खरीदने वालों की भीड़ को देखकर मन मस्तिष्क में गलत असर हो रहा है। क्षेत्र की जनता के विरोध के बावजूद सरकार को उनकी आवाज सुनाई नहीं पड़ रही है। हालांकि चंद रोज पूर्व एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की छापेमारी में इस बात की तस्दीक हो गई कि जगजीतपुर में किस कदर लोग शराब के दीवाने हो गये है। शराब पीकर लोगों के लिये मुसीबत खड़ी कर रहे है। आपको बतादे कि जगजीतपुर में शराब का ठेका आधा दर्जन स्कूलों के बीच है। इस स्कूली बच्चों के वाहन और अभिभावक वहां से रोजाना गुजरते है। शराब के ठेके पर लगी भीड़ लोगों को परेशानी पैदा करती है। वहीं शराब खरीदने वाले वाहनों के कारण सड़क पर दुर्घटनाये होती है। आबकारी विभाग अपने राजस्व को बढ़ाने के लिये जनता की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे पूर्व क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन तक किया लेकिन सरकार ने इस आंदोलन की भी कोई सुध नहीं ली। ऐसे में सवाल उठता है कि एक ओर तो राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने का दंभ भर रही है। वही दूसरी ओर सरकार स्कूलों के नजदीक शराब के ठेके को संचालित करने की अनुमति देकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।