उत्तराखंड के संकटमोचक बने महंत रविंद्रपुरी, सीएम राहत कोष में 51 लाख




नवीन चौहान
धर्म का मार्ग प्रशस्त करने वाले साधु सन्यासी आपदा की घड़ी में संकटमोचक बनकर सामने आते है। राज सत्ता को धर्म का मार्ग बताने वाले साधु सन्यासी ही विपदा के वक्त मुश्किल वक्त से निबटने का तरीका सिखलाते है। अगर सरकार के सामने आर्थिक संकट हो तो संत महंत अपना सर्वस्व समर्पित कर देते है। ऐसे ही हरिद्वार के मंशादेवी मंदिर ट्रस्ट तथा उसके अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी जी महाराज वास्तव में उत्तराखंड सरकार के संकटमोचक बनकर सामने आए है। आपदा के वक्त गरीबों को भोजन कराने से लेकर पीड़ित जनता के सहयोग के लिए सरकार के खजाने में धन की पूर्ति कर रहे है। इस बार महंत रविंद्र पुरी मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख की धनराशि का चैक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुपुर्द कर रहे है। जिसमें से 26 लाख का चैक निरंजनी अखाड़े से 25 लाख मंशा देवी ट्रस्ट से देकर सरकार का आर्थिक सहयोग कर रहे है।
कोरोना संक्रमण काल में पूरे देश में लॉक डाउन घोषित है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप्प पड़ चुकी है। जनता की मदद के लिए धन की विशेष जरूरत है। इस धन की आपूर्ति करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सामने आकर जनता से सहयोग करने की अपील की थी। जिसके बाद से देश के दानवीरों ने दान देने का सिलसिला शुरू किया। लेकिन अगर संत समाज की बात करें तो हरिद्वार के मंशा देवी मंदिर के ट्रस्टी व अध्यक्ष रविंद्रपुरी जी महाराज पहले दिन से ही जनता की सेवा में समर्पण भाव से जुट गए। उन्होंने भूखी, प्यासी जनता के अन्नक्षेत्र शुरू कर दिया। हरिद्वार में कोई भूखा ना सोय इसके लिए भोजन उपलब्ध कराया। आपदा के संकट में महंत रविंदपुरी जी महाराज का दयालु ह्दय पीड़ित जनता को देखकर व्याकुल हो गया। जिसके बाद उन्होंने अपने अखाड़े व मंदिर के कोष में जमा धन को लगातार सरकार को भेजना शुरू कर दिया। नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के सुपुर्द पांच लाख का चैक दिया। जिसके बाद 11 लाख की धनराशि का एक चैक प्रदान किया। एक बार फिर उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को 51 लाख का चैक 13 अप्रैल 2020 को सुपुर्द करने जा रहे है।

मंहत रविंद्रपुरी महाराज का सेवा संकल्प
महंत रविंद्रपुरी जी महाराज ने कोरोना आपदा के बाद से ही जनता और सरकार की मदद के लिए आगे आए। अगर आर्थिक सहयोग की बात करें तो मुसीबत का पता चलते ही सबसे पहले एचआरडीए सचिव हरवीर सिंह को 11 लाख का चैक सुपुर्द किया। जिसके तत्काल बाद केबिनेट मंत्री मदन कौशिक को पांच लाख का चैक दिया। गुजराज के यात्रियों की मदद के लिए एचआरडीए सचिव हरवीर सिंह को दोबारा दो लाख का चैक दिया। इसके अलावा एक हजार कुंतल अन्नदान के लिए करीब 32 लाख का सहयोग किया गया। 51 लाख का चैक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया जा रहा है। वही 50 हजार रूपये प्रति​दिन का लंगर चल रहा है। लॉक डाउन के खत्म होने तक ये लंगर अनवरत चलता रहेगा। इसी के साथ महंत रविंद्रपुरी जी महाराज ने सभी धार्मिक संस्थाओं से अपील की है कि आपदा की इस घड़ी में सरकार का सहयोग कर जनता को मुसीबत से निकालने का पुण्य कार्य करें।

 



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