उत्तराखंड पुलिस के बहादुर दारोगा रविंद्र कुमार ने बढाया खाकी का मान




नवीन चौहान, हरिद्वार। खाकी की शान पुलिसकर्मी होते है। पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करते है। पुलिसकर्मी तमाम आरोपों को दरकिनार कर कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते है। इस फर्ज को अंजाम देने के लिये अपनी जिंदगी को खतरे में डाल देते है। अपनी जिंदगी की परवाह भी नहीं करते है। ऐसा ही साहसिक कार्य उत्तराखंड पुलिस के दारोगा रविंद्र कुमार ने किया है। शहीद दिवस के अवसर पर जनता को सुरक्षा देने के लिये अपने प्राणों को खतरे में डाल दिया। बदमाशों की गोली के सामने अपनी सीना कर दिया। पुलिस की बहादुरी का नतीजा ये रहा कि लूट की वारदात को अंजाम देने वाले तीन कुख्यात पुलिस के हत्थे चढ गये। दारोगा रविंद्र कुमार ने उत्तराखंड पुलिस का मान बढाया है।
पुलिस नाम सुरक्षा के एहसास का है। जहां पुलिस खडी होती है वहां जन मानस अपने को सुरक्षित महसूस करता है। खाकी वर्दी पहने वाला पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा और व्यवस्था के साथ कानून का पालन कराने में महती भूमिका अदा करता है। जनता को सुरक्षा देने के लिये पुलिसकर्मी अपनी जिंदगी की परवाह भी नहीं करता है। ऐसा ही बहादुरी का कार्य हरिद्वार पुलिस के मंगलौर कोतवाली में तैनात दारोगा रविंद्र कुमार ने किया है। दारोगा रविंद्र ने बदमाशों से पूरा लोहा लिया। बदमाशों ने पुलिस पर गोली चलाई। लेकिन पुलिस के बहादुर जाबांजों ने बदमाशों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। इस मुठभेड में एक गोली बहादुर रविंद्र कुमार को लग गई। गोली लगने के बावजूद रविंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। बदमाशों को गिरफतार कराकर ही दम लिया। हरिद्वार पुलिस ने बहादुरी का ये कार्य उस दिन किया जब पुलिस लाईन में देश की रक्षा में प्राण गंवाने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों की स्मृति में शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। खाकी के इन बहादुर जवानों के कारण ही पुलिस का मान बढता है।



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