डीएवी स्कूल में अब नही दिखेगा नम्रता का मुस्कराता चेहरा, आकस्मिक निधन





डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में शोक की लहर, शिक्षिका का आकस्मिक निधन
नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर की शिक्षिका नम्रता सैनी का देहरादून के निजी अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। नम्रता की मृत्यु की खबर सुनते ही डीएवी स्कूल में शोक की लहर दौड़ गई। सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और स्कूल स्टॉफ की आंखों से आंसूओं का जबरदस्त सैलाब उमड़ आया। स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल और डीएवी ने नम आंखों से दो मिनट का मौन रखकर अपने सहकर्मी को श्रद्धांजलि दी।

कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल जी के साथ हवन यज्ञ करते हुए नम्रता सैनी

डीएवी के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने भी अपने नम्रता सैनी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए है।
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की शिक्षिका नम्रता सैनी का जन्म एक सैनिक परिवार में हुआ। पिता रविंद्र कुमार सैनी ने सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का संकल्प लिया। जबकि माता गीता सैनी एक कुशल गृहणी की जिम्मेदारी निभाने लगी। 22 अगस्त सन 1984 को रविंद्र कुमार सैनी और गीता सैनी के घर में एक नन्नी ही बच्ची का जन्म हुआ। जिसका माता पिता ने प्यार से नाम नम्रता रखा। नम्रता जब चार साल की थी तभी उनके पिता ने देश की रक्षा करने में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जबकि नम्रता की परवरिश करने की जिम्मेदारी माता गीता सैनी के कंधों पर आ गई। बेटी को श्रेष्ठ नागरिक बनाने के लिए गीता सैनी ने पांचवी कक्षा में नम्रता का दाखिला डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में कराया। पढ़ने—लिखने में बेहद होशियार नम्रता स्कूल की तमाम सांस्कृतिक,खेलकूद गतिविधियों में बढ़कर हिस्सा लेती थी। नम्रता स्कूल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने गुरूजनों की दुलारी बनी गई। डीएवी से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नम्रता ने गणित से एमएससी की डिग्री हासिल की और बीएड किया। जिसके बाद साल 2008 में 2 जुलाई के दिन नम्रता को डीएवी स्कूल में पढ़ाने का अवसर मिला। नम्रता ने जिन शिक्षक, शिक्षिकाओं से शिक्षा हासिल की अब उन्ही के साथ पढ़ाने का सौभाग्य मिला। नम्रता की आंखों में एक चमक दिखाई देती थी। स्कूल को हमेशा सर्वश्रेष्ठ बनाने का जज्बा उसके दिल में था। स्कूल के बच्चों को पढ़ाई के साथ उनकी प्रतिभा को निखारने का कार्य नम्रता बखूवी करती रही।
माता गीता सैनी के संस्कार और डीएवी स्कू
ल से मिली शिक्षा की योग्यता ने नम्रता को एक बहादुर और दुनिया से लड़ने की ताकत प्रदान की थी। नम्रता अपने नाम की तरह तमाम गुणों में निपुण थी। नम्रता का नम्र स्वभाव और मुस्कराता चेहरा और जंग लड़ने का हौसला गजब का था।
अपनी माता की सेवा की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ—साथ नम्रता ने वैवाहिक ​बंधन में बधी। अप्रैल 2022 में नम्रता सैनी का विवाह हुआ। गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने के तीन महीनों बाद ही नम्रता आकस्मिक बीमारी के चलते डीएवी परिवार को रोता बिलखता छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कर गई।
नम्रता की जिंदगी की सबसे खास बात यह रही कि उनके जीवन का सर्वाधिक वक्त डीएवी प्रांगण में बीता। बचपन से लेकर शिक्षण कार्य में गजब की विलक्षण प्रतिभा थी। गणित विषय में उसको महारथ हासिल थी।

पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी के रिटायरमेंट अवसर पर नम्रता सैनी


डीएवी सेंटेनरी स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने नम्रता सैनी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि नम्रता मेरी बेटी की तरह थी। वह डीएवी स्कूल की एक सफल टीचर थी। उनके कार्य और व्यवहार से प्रभावित होकर विद्यालय प्रबंधन ने उनको प्रमोशन दिया। वह डीएवी स्कूल में गणित की मास्टर ट्रैनर भी थी। विद्यालय प्रबंधन ने उसको मास्टर ट्रैनर के तौर पर कई बार शि​क्षकों को गणित के अभिनव प्रयोगों के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि नम्रता का निधन एक अपूरणीय क्षति है। चुनौतियों से मुकाबला करना और अपना योग्यता का सर्वश्रेष्ठ देना नम्रता की खासियत रही। नम्रता आज हमारे बीच में नही है। यकीन नही होता। शब्द भी नही है। भगवान से बस एक प्रार्थना है कि उसको अपने चरणों में स्थान दे और आत्मा को शांति प्रदान करें।
डीएवी के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल जी ने भी नम्रता सैनी के निधन पर अपनी संवेदनाए व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नम्रता अपने विषय की एक विद्धान शिक्षिका रही। स्कूल की स्टूडेंटस होने के साथ सीनियर शिक्षक, शिक्षिकाओं की लाड़ली भी थी। उनका आकस्मिक निधन ने दिल को गहरा आघात दिया है। प्रभु उनको अपने श्रीचरणों में स्थान दें।



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