एसपी सिटी की अनूठी पहल पर नकारात्मक ऊर्जा बाहर, देखें विडियो




नवीन चौहान, हरिद्वार।

जनता की सुरक्षा करने वाले खाकी के जवानों का अपना दुःख-दर्द होता हैं। उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी और कानून का अनुपालन कराने का दायित्व होता है। 24 घंटे की पुलिस ड्यूटी और साहब के आदेशों का पालन करने वाले खाकी के जवान मानसिक तनाव के दौर से गुजरते है। जिसका जिक्र वो किसी से नहीं करते है। मानसिक तनाव के बोझ तले दबे पुलिसकर्मियों में नकारात्मक ऊर्जा का भाव संचारित होने लगता है। पुलिसकर्मियों के इसी मानसिक तवान को दूर करने और उनके मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का भाव पैदा करने के लिये एसपी सिटी ममता वोहरा ने एक अनूठी पहल शुरू की है। उन्होंने मनोवैज्ञानिक की मदद से पुलिस के जवानों को अपनी समस्याओं को साझा करने का मंच प्रदान किया। जहां पुलिसकर्मियों ने दिल खोलकर अपने मस्तिष्क में चल रही तनावपूर्ण बातों को सांझा किया। इस काउंसलिंग के बाद सभी पुलिसकर्मी बेहद रिलेक्स और खुश दिखाई दिये।


कानून का अनुपालन कराने और अनुशासन में रहकर पुलिस ड्यूटी करना बहुत कठिन कार्य है। इसके लिये पुलिसकर्मियों को सख्त प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बावजूद पुलिस ड्यूटी के दौरान थानो, सड़क, पर छिटपुट घटनाओं में पुलिसकर्मियों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस सबके बीच परिवार की महत्वपूर्ण जिम्मदारी का पालन करना पुलिस के लिये एक चुनौती बन जाता है। खास तौर पर महिला पुलिसकर्मियों को जिनको घर परिवार के बीच बेहतर तालमेल बनाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुलिस महकमे में करना होता है। इन सब कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान पुलिसकर्मी मानसिक तनाव के दौर से गुजरते है। पुलिस बल के इसी तनाव को दूर करने के लिये एसपी सिटी ममता वोहरा ने एक अनूठी पहल शुरू की है।

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उन्होंने मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा की मदद से महिला और पुरूष के जवानों की काउंसलिंग कराई। जहां पुलिसकर्मियों ने अपने मानसिक तनाव होने के कई कारण बताये। पुलिसकर्मियों ने तनाव की जो वजह बताई वो बहुत ही भावनात्मक थीं। मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा ने पुलिसकर्मियों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद तनाव को दूर करने के फार्मूले बताये। मुकुल शर्मा ने कई अभिनव प्रयोग भी पुलिस पर किये। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने खुद को रिलेक्स महसूस किया। पुलिसकर्मियों ने एसपी सिटी ममता वोहरा की इस प्रयास की सराहना की। मानसिक तनाव से दूर पुलिस ने पहली बार खुद को पुलिस ड्यूटी से अलग हटकर रिलेक्स महसूस किया।

पुलिस ने चलायी चक्की।


देहरादून से आये मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा ने पुलिसकर्मियों के तनाव के कारणों को बारीकी से सुना। जिसके बाद भागदौड़ की जिंदगी में अपने लिये जीने के फार्मूले बताये। करीब 20 मिनट का मेडिटेशन कराया गया। 10 मिनट आत्ममंथन करना बताया। इसके अलावा चक्की चलाकर रिलेक्स दूर कराया। उन्होंने शरीर के कई पार्ट में प्वाइंट दबाकर तनाव दूर करने का तरीका बताया। कुल मिलाकर कहे तो एसपी सिटी ममता वोहरा ने पुलिसकर्मियों के मस्तिष्क में समारात्मक ऊर्जा का भाव जाग्रत करने की मुहिम शुरू की है। इससे पुलिसकर्मी खुद को तरो ताजा मान रहे है।

 



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