नवीन चौहान, हरिद्वार।
हुक्काबार में धुअेंं के छल्ले उडाते स्कूली बच्चों को पुलिस ने रंगेहाथों दबोच लिया। पुलिस ने सभी बच्चों को चेतावनी देकर छोड़ दिया है। जबकि हुक्का बार में रखे सभी हुक्कों को कनखल पुलिस ने कब्जे में लिया है। हुक्काबार के संचालक के शहर से बाहर होने के चलते लाईसेंस होने की जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई है। जिसके चलते सीज करने की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई। जबकि सिगरेट की बरामद डिब्बियां फलेवर की बताई जा रही है। लेकिन बच्चों में नशे की लत लगने की प्रवृत्ति से भी पुलिस इंकार नहीं कर रही है।
एसएसपी कृष्ण कुमार वीके स्कूली बच्चों को नशे की प्रवत्ति से दूर रखने के लिये युद्धस्तर पर अभियान चला रहे है। वह मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों पर असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कस रहे है। सोमवार की देर शाम एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को कनखल क्षेत्र में सतीकुंड के पास एक कांपलेक्स में हुक्काबार चलने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने मादक पदार्थो की रोकथाम करने वाले सेल के प्रभारी नवीन चंद्र सेमवाल को छापेमारी करने के लिये रवाना कर दिया। नवीन चंद्र सेमवाल, कनखल एसओ अनुज सिंह थाने की पुलिस लेकर हुक्काबार में पहुंच गई। हुक्काबार में कई स्कूली लड़के, लड़कियां हुक्के के छल्ले उडा रहे थे। पुलिस ने सभी बच्चों को दोबारा यहां नहीं आने की चेतावनी देकर घर भेज दिया। जबकि हुक्काबार में मौजूद कर्मचारी से लाईसेंस के संबंध में जानकारी की गई। कर्मचारी ने हुक्काबार स्वामी के शहर से बात होने की बात कहीं। जिसके बाद पुलिस की टीम तमाम हुक्कों और सिगरेट की डिब्बियों को कब्जे में लेकर थाने ले आई। कनखल थाने से चंद कदमों की दूरी पर मुख्य सड़क पर हुक्काबार चलने की जानकारी कनखल थाना प्रभारी अनुज सिंह को नहीं थी। जबकि शहर के जागरूक लोगों ने इस हुक्काबार की जानकारी एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को दी। हुक्काबार बंद कराये जाने पर शहर के तमाम लोगों ने एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के इस कार्य की प्रशंसा की है।
हुक्काबार से पड़ रही थी नशे की लत
हुक्काबार में तीन बच्चों की टीम एक गोल घेरे में बैठती थी। बच्चों की एक टीम 350 रूपये का भुगतान करती थी। जिसके बाद वह काफी देर तक धुंअे के छल्ले उडाकर खुशी महसूस करते थे। इस हुक्काबार में जाने के लिये अधिकतर बच्चे अपना टयूशन गोल कर रहे थे। इसी के साथ बच्चों में नशे की लत भी पड़ रही थी।