नवीन चौहान.
भाजपा के टिकट पर 2017 में चुनाव लड़े सुबोध राकेश कमल को छोड़कर बसपा के हाथी पर सवार हो गए हैं। उनके इस कदम से भाजपा को झटका लगा है।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड बसपा के प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राईन ने गाजियाबाद स्थित आवास पर सुबोध राकेश को बसपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान सुबोध राकेश ने कहा कि यह उनकी घर वापसी हैं।
बतादें राकेश परिवार की राजनीति की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी के हाथी से शुरू हुई थी। उनके भाई सुरेंद्र राकेश भी बसपा से विधायक चुने गए थे। उनके देहांत के बाद उनकी पत्नी चुनाव लड़ी थी। हालांकि वर्तमान में वह कांग्रेस में हैं।
सुबोध राकेश ने कहा कि आगामी 30 दिसंबर को बहुजन समाज पार्टी की ओर से भगवानपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, उसमें प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र के लोगों की इच्छा थी कि वह घर वापसी कर ले। सभी की जनभावनाओं का सम्मान करते हैं, उन्हें आज अपने घर में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र में सुबोध राकेश कद्दावर नेता माने जाते हैं. उनके क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. व्यक्तिगत प्रभाव है.
लेकिन भाजपा से टिकट ना मिलने की उम्मीद के चलते हैं उन्हें बसपा का दामन थाम लिया है. दलित बाहुल्य क्षेत्र में बसपा का अपना वोट बैंक है.
इसी के चलते सुबोध राकेश ने अपना राजनीतिक भविष्य बसपा में सुरक्षित समझते हुए भाजपा को छोड़ने का निर्णय किया