कुलपति डॉ पीपी ध्यानी के खिलाफ की गई शिकायत जांच में पाई गई झूठी, राज्यपाल ने की खारिज





नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी की शैक्षणिक योग्यता के संबंध में की गई शिकायत निराधार और तत्थहीन पाई गई। उत्तराखंड के राज्यपाल ने उक्त शिकायत पत्र की जांच कराने के बाद खारिज कर दिया है।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की शैक्षणिक योग्यता, प्रशासनिक अनुभव एवं वेतनमान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों तथा राज्य सरकार के नियमों के अनुरूप, कुलपति के पद पर, न होने सम्बन्धी एक शिकायती पत्र उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार तथा राज्यपाल को भेजा गया था। शिकायतकर्ता ने कुलपति की छवि को धूमिल करने के लिए उक्त शिकायती पत्र को मीडिया को भेजा तथा समाचार प्रकाशित कराए गए। शिकायतकर्ता की शिकायत को प्रभारी सचिव, उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड शासन ने भी राजभवन को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु प्रेषित किया गया था। राजभवन ने सम्यक परीक्षणोपरान्त शिकायतकर्ता के प्रत्यावेदनों को राज्यपाल/कुलाधिपति महोदय ने अपने आदेश दिनांक 23.08.2022 द्वारा बलहीन पाकर निक्षेपित/खारिज कर दिया है।
इस सन्दर्भ में जब कुलपति डाॅ ध्यानी से पूछा गया कि राज्यपाल के इस निर्णय पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है। डाॅ ध्यानी ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है, उन्होंने कहा कि जब से वह, श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति बने हैं, उन्होंने विश्वविद्यालय में एक भी अनैतिक कार्य, विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम के विरूद्ध, नहीं किया है, भले ही कुछ विरोधियों ने सांठगाठ कर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का हर संभव प्रयास किया। डाॅ ध्यानी ने कहा कि उन्होंने हमेशा योग्यता का सम्मान किया है और वह नियम-कानूनों के अनुसार कार्य करते हैं। विरोधी तो विरोध करते हैं, षडयन्त्र रचते हैं, गिरोह बनाते हैं, लेकिन ऐसे व्यक्ति/ गिरोह सत्य को असत्य में कभी भी नहीं बदल सकते, हमेशा सत्य की जीत होती है और न्याय होता है। डाॅ0 ध्यानी ने कहा कि मा0 राज्यपाल के निर्णय से मेरी प्रतिष्ठा एवं कार्यशैली में वृद्धि हुई है और मेरी कार्य के प्रति उत्पादकता भी बढ़ी है, इस हेतु मैं, मा0 राज्यपाल महोदय का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।    



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