मां ने कलेजे के टुकड़े को डुबोकर नहीं मारा, उसके जीवन की आस में कराया गंगा स्नान




नवीन चौहान.
हरकी पैड़ी क्षेत्र से वारयल हो रहे वीडियो पर हरिद्वार पुलिस का बयान सामने आया है। एसपी सिटी हरिद्वार ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी है कि मां ने बच्चे को गंगा में डुबोकर नहीं मारा है, उसकी कैंसर से मौत हो गई थी, एक आस्था के चलते उसे मां ने परिजनों के साथ गंगा स्नान कराया। बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके डुबोकर मारने की पुष्टि नहीं हुई है। पूरे मामले की विस्तृत जांच अभी की जा रही है।

बतादें हरिद्वार की हरकी पैडी का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें बताया जा रहा था कि एक मां ने अपने मासूम बच्चे को गंगा में डुबोकर मार दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आयी और बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में ले लिया था। पूछताछ में पता चला कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी, उसे कैंसर था, डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था। परिजन उसे आस्था के चलते हरिद्वार लेकर पहुंचे थे, उन्हें उम्मीद थी कि बच्चे को गंगा स्नान कराने के बाद मंदिरों के दर्शन कराएंगे तो शायद उसकी सांसें लौट आए।

इस मामले में हरिद्वार एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि हर की पैड़ी पर महिला द्वारा बच्चे को डुबोकर मारने की बात गलत है। मामला प्रथम दृष्टया आस्था व “अंतिम उम्मीद” से जुड़ा हुआ है, प्रत्येक बिंदु पर जांच जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना तथ्यों/facts के कृपया विभिन्न प्लेटफार्म पर अनर्गल वायरल हो रहे वीडियो को शेयर न करें। एसपी सिटी ने बताया कि बच्चा ब्लड कैंसर रोग से पीड़ित था जिसको बिल्कुल ही अंतिम अवस्था होने के कारण एम्स नई दिल्ली द्वारा भर्ती करने से मना करने पर अंतिम उम्मीद के रूप में मां-बाप, मां गंगा के घाट पर “गंगा स्नान/अंतिम उम्मीद की किरण” के चलते हरिद्वार लाए।

उक्त संवेदनशील एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पश्चात शाम 5:00 बजे से पहले नियमानुसार पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई जहां डॉक्टर से हुई मौखिक वार्ता के अनुसार “फेफड़ों में पानी नहीं था डूबने से बच्चे की मौत नहीं हुई है, बच्चे के शरीर में अकड़न भी थी। उन्होंने कहा किहालांकि विस्तृत रूप से आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। बच्चे का गंगाराम अस्पताल में इलाज चला था, वहां की इलाज के दौरान की रिपोर्ट भी मंगवाई जा रही हैं। प्रकरण बच्चे से जुड़ा हुआ होने के कारण बेहद संवेदनशील है और हरिद्वार पुलिस प्रत्येक पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है।



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